अनुशासन का महत्व बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।
(Class 10 Hindi A Sample Question Paper)
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15
१०, करोल बाग
नई दिल्ली।
दिनांक ३०, जुलाई २०१७
प्रिय मित्र
सप्रेम नमस्कार
मैं यहां सकुशल हूं और आशा करता हूं कि तुम भी कुशल होंगे। अनुशासन का हमारे जीवन में कितना महत्व है यह कल मैंने अनुभव किया। इसी संदर्भ में मैं तुम्हें यह पत्र लिख रहा हूं।
कल मैं पानी का बिल जमा करने की लाइन में खड़ा था वहां पर शिक्षित व्यक्तियों ने भी वह आचरण किया जिसे देखकर किसी अनपढ़ व्यक्ति को भी शर्म आ सकती है। उन्होंने अनुशासन की धज्जियां उड़ाते हुए बिल जमा करने वाली लाइन को ध्वस्त कर दिया और बिना किसी नियम के बिल जमा करने की जिद करने लगे।
मित्र मुझे लगता है कि जीवन में अनुशासन का बहुत बड़ा महत्व है। इसके लिए पहले स्वयं को ही अनुशासित करना होगा। अनुशासन के महत्व को प्रकृति तथा पेड़ पौधों में भी देखा जा सकता है। दिन और रात का क्रम लगातार चलता रहता है। समय पर ही ऋतुओं का परिवर्तन होता है। पेड़ पौधों में समयानुसार ही फल फूल आते हैं। यदि प्रकृति नियम और अनुशासन न माने तो भीषण अकाल तथा अन्य प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती है। अनुशासन न मानने वाला व्यक्ति समाज में कुछ नहीं कर सकता। तुम भी मेरी इसी बात से सहमत होंगे।
बाकी सब ठीक है। घर पर सभी बड़ों को मेरा नमस्कार और छोटों को प्यार।
तुम्हारा मित्र
कखग
HOPE THIS WILL HELP YOU...
नई दिल्ली।
दिनांक ३०, जुलाई २०१७
प्रिय मित्र
सप्रेम नमस्कार
मैं यहां सकुशल हूं और आशा करता हूं कि तुम भी कुशल होंगे। अनुशासन का हमारे जीवन में कितना महत्व है यह कल मैंने अनुभव किया। इसी संदर्भ में मैं तुम्हें यह पत्र लिख रहा हूं।
कल मैं पानी का बिल जमा करने की लाइन में खड़ा था वहां पर शिक्षित व्यक्तियों ने भी वह आचरण किया जिसे देखकर किसी अनपढ़ व्यक्ति को भी शर्म आ सकती है। उन्होंने अनुशासन की धज्जियां उड़ाते हुए बिल जमा करने वाली लाइन को ध्वस्त कर दिया और बिना किसी नियम के बिल जमा करने की जिद करने लगे।
मित्र मुझे लगता है कि जीवन में अनुशासन का बहुत बड़ा महत्व है। इसके लिए पहले स्वयं को ही अनुशासित करना होगा। अनुशासन के महत्व को प्रकृति तथा पेड़ पौधों में भी देखा जा सकता है। दिन और रात का क्रम लगातार चलता रहता है। समय पर ही ऋतुओं का परिवर्तन होता है। पेड़ पौधों में समयानुसार ही फल फूल आते हैं। यदि प्रकृति नियम और अनुशासन न माने तो भीषण अकाल तथा अन्य प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती है। अनुशासन न मानने वाला व्यक्ति समाज में कुछ नहीं कर सकता। तुम भी मेरी इसी बात से सहमत होंगे।
बाकी सब ठीक है। घर पर सभी बड़ों को मेरा नमस्कार और छोटों को प्यार।
तुम्हारा मित्र
कखग
HOPE THIS WILL HELP YOU...
DeekshitSuthar:
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