अनुशासन के महत्व पर पिता और पुत्र के बीच हुई बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए
Answers
पापा:मैं तुमसे यह पूछना चाहता हूं कि यातायात के नीति-नियम के अनुसार लाल लाइट के समय रुकना चाहिये, और हरी के समय चलना चाहिये, ठीक है न ?
पुत्र:जी हां।
पापा:तो हमें ठीक बातों पर कायम रहना चाहिये, और गलत बातों के प्रलोभन में नहीं आना चाहिये। यह तो आत्मसम्मान वाली बात है।
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पुत्र:पापा, आज मौसम गर्म हो गया है। क्यों हम अभी तक मोटे कपड़े पहने हुए हैं ?पापा:क्योंकि वसंत का मौसम अभी अभी आया है। मौसम बिल्कुल भी पूरी तरह से गर्म नहीं हुआ है। सुबह और रात के समय तापमान पहले की तरह कम है।
पुत्र:पर क्यों कुछ लोग वसंत में मर्गी के दिनों वाले कपड़े पहनते हैं ?
पापा:हर व्यक्ति का उसके मुताबिक कपड़े पहनने का कुछ कारण होता है। लेकिन हमें यह मालूम होना चाहिये कि किस समय पर कौन सा उचित कपड़ा पहनना चाहिए। चीनी परंपरा के अनुसार वसंत में ज्यादा कपड़े पहनें और शरत् में कम कपड़े पहनें। क्योंकि कपड़े का मुख्य प्रयोग ठंडक से हमें बचाना है। हमें अच्छी तरह से अपने शरीर की रक्षा करनी चाहिये। यह तो आत्मरक्षा है।
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पुत्र:पापा, हमारी कक्षा में कुछ सहपाठियों ने कहा था कि अगर मैं घर में कामकाज करता हूं, तो मां-बाप को मुझे पैसे देना चाहिये।पापा:तो तुम्हारे विचार में क्या यह ठीक है ?
पुत्र:मुझे पता नहीं। लगता है सही है। पर ऐसा करके अच्छा नहीं लगा।
पापा:काम करने में वापस लाभ लेना चाहिये, लेकिन घर के कामकाज करना परिवार के हर सदस्य की जिम्मेदारी होती है। इस परिवार के एक सदस्य के रूप में हर व्यक्ति को कुछ जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। इस ज़िम्मेदारी के बदले कोई लाभ की शर्त नहीं होनी चाहिए। अगर तुम्हें पैसा चाहिये, तो कई तरीकों से इसे कमाया जा सकता है। पर घर के कामकाज करने से नहीं। यह है आत्मनिर्भरता।