अनुशासन और समय का महत्व बताते हुए मित्र को पत्र
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Hey dear friend Good morning.
Have a nice day.
Hope that u are fine.
Here is ur answer.
Hope that this will help you.
Anushasan
पता ...............
दिनांक ..............
प्रिय अनुज,
बहुत प्यार!
आज हमारी कक्षा में अध्यापक महोदय ने अनुशासन पर बात की। मैंने स्वयं इस विषय पर पहले कभी गंभीरता से नहीं सोचा था। परन्तु आज अध्यापक महोदय ने मुझे इसे महत्व का ज्ञान कराया। उनसे पता चला कि हर व्यक्ति को अनुशाशीत होना चाहिए। अनुशासन मनुष्य के जीवन को सही दिशा निर्देश देता है। अनुशासन में रहने वाला व्यक्ति समय का सही सदुपयोग करता है। इस तरह से वह अपना कार्य समय पर करता है तथा अपने अन्य कार्यों के लिए समय निकाल पाता है। इस तरह वह समय के साथ चल पाता है और लक्ष्य तक शीघ्रता से पहुँच पाता है।
अनुशासन एक विद्यार्थी के लिए बहुत आवश्यक है। यदि विद्यार्थी अनुशासन में रहकर कार्य करता है, तो वह निश्चित समय पर पढ़ाई कर पाता है। इसलिए हमें चाहिए कि अनुशासन में रहकर अपने कार्य करें।
तुम्हारा mitra
Samaya
Apna naam
••••••मुहल्ला
•••नगर
दिनांक : 15 मार्च, 2008
प्रिय रमा!
स्नेह!
तुम्हारा पत्र मिला। पता चला कि तुम छात्रावास में खूब मौज-मस्ती और आनंद से हो। तुम्हारा अपने मित्रो के साथ खूब मन लग गया है। यह बहुत अच्छी बात है।
रॉकी! तुम्हारा मित्र होने के नाते मैं तुम्हें सलाह देना चाहता हूँ कि तुम छात्रावास में जिस उद्देश्य से गए हो, उसे न भूल जाना। पढाई को अपनी दिनचर्या में पहले स्थान पर रखना। छात्रावास तपोभूमि है। यहाँ रहकर अधिक से अधिक अध्ययन करना ताकि तुम योग्य बन सको। समय के साथ सब बातें धरी रह जाती हैं, किंतु योग्यता कभी साथ नहीं छोड़ती।
तुम्हारा मित्र
plz mark me as the brainliest.
If you want to know anything more then ask me.