Biology, asked by ksuraj06183, 5 months ago

अनिषेक जनन से आप क्या समझते हैं ​

Answers

Answered by padmavathibolla
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Explanation:

अनिषेक जनन अधिकांश जंतुओं में प्रजनन की क्रिया के लिए संसेचन (वीर्य का अंड से मिलना) अनिवार्य है; परंतु कुछ ऐसे भी जंतु हैं जिनमें बिना संसेचन के प्रजनन हो जाता है, इसको आनिषेक जनन कहते हैं। कुछ मछलियों को छोड़कर किसी भी पृष्ठवंशी में अनिषेक जनन नहीं पाया जाता और न कुछ बड़े बड़े कीटगण, जैसे व्याधपतंगगण (ओडोनेटा) तथा भिन्नपक्षानुगण (हेटरोष्टरा) में। कुछ ऐसे भी जंतु हैं जिनमें प्रजनन सर्वथा (अथवा लगभग सर्वथा) अनिषेक जनन द्वारा ही होता है, जैसे द्विजननिक विद्धपत्रा (डाइजेनेटिक ट्रेमैडोड्स), किरोटवर्ग (रोटिफर्स), जलपिंशु (वाटर फ़्ली) तथा द्रुयूका (ऐफ़िड) में। शल्किपक्षा (लेपिडोप्टरा) में अनिषेक जनन बिरले ही मिलता है, किंतु स्यूनशलभवंश (सिकिड्स) की कई एक जातियों में पाया जाता है। घुनों के कुछ अनुवंशों में भी अनिषेक जनन प्राय: पाया जाता है।

प्रजनन, लिंगनिश्चयन, तथा कोशिकातत्व (साइटॉलोजी) की दृष्टि से कई प्रकार के अनिषेक जननतंत्र पहचाने जा सकते हैं। प्रजनन की दृष्टि से अनिषेक जनन का निम्नलिखित वर्गीकरण हो सकता है :

अ. आकस्मिक अनिषेक जनन में असंसिक्त अंडा कभी कभी विकसित हो जाता है।

आ. सामान्य अनिषेक जनन निम्नलिखित प्रकारों का होता है:

1. अनिवार्य अनिषेक जनन में अंडा सर्वदा बिना संसेचन के विकसित होता है:

क. पूर्ण अनिषेक जनन में सब पीढ़ी के व्यक्तियों में अनिषेक जनन पाया जाता है।

ख. चक्रिक अनिषेक जनन में एक अथवा अधिक अनिषेक जनित पीढ़ियों के बाद एक द्विलिंग पीढ़ी आती रहती है।

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