अनंत अंतरिक्ष में अनंत देव हैं खड़े, समक्ष ही स्वबाहु जो बढ़ा रहे बड़े-बड़े। परस्परावलंब से उठो तथा बढ़ो सभी।
Answers
Answered by
15
Answer:
अनंत अंतरिक्ष में अनंत देव हैं खड़े, समक्ष ही स्वबाहु जो बढ़ा रहे बड़े-बड़े। परस्परावलंब से उठो तथा बढ़ो सभी, अभी अमर्त्य-अंक में अपंक हो चढ़ो सभी। रहो न यों कि एक से न काम और का सरे, वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।। 'मनुष्य मात्र बंधु है' यही बड़ा विवेक है, पुराणपुरुष स्वयंभू पिता प्रसिद्ध एक है।
hope it is helpful to you,plss mark me as a brainlist guys pls pls...
Explanation:
Similar questions
Computer Science,
4 months ago
Math,
4 months ago
English,
4 months ago
Math,
9 months ago
Physics,
9 months ago
Geography,
1 year ago
Biology,
1 year ago
Social Sciences,
1 year ago