Hindi, asked by Mohiteshilpa97, 2 months ago

अनुताई लिमये की जानकारी​

Answers

Answered by mbholu405
0

Answer:

BBC News, हिंदी

सामग्री को स्किप करें

सेक्शन

होम पेजकोरोनावायरसभारतविदेशमनोरंजनखेलविज्ञान-टेक्नॉलॉजीसोशलवीडियो

मधु लिमये को देखकर कांप उठता था सत्ता पक्ष

रेहान फ़ज़ल

बीबीसी संवाददाता, दिल्ली

1 मई 2017

मधु लिमये

इमेज स्रोत,ANIRUDHHA LIMAYE

साठ और सत्तर के दशक में एक शख़्स ऐसा हुआ करता था, जो कागज़ों का पुलिंदा बगल में दबाए हुए जब संसद में प्रवेश करता था तो ट्रेज़री बेंच पर बैठने वालों की फूंक सरक जाया करती थी कि न जाने आज किसकी शामत आने वाली है.

जी हाँ, ज़िक्र हो रहा है समाजवादी आंदोलन के नेताओं में से एक मधु लिमये का.

बहुत से लोगों को उनसे चिढ़ भी हुआ करती थी. उनको लगता था कि 1979 में उनका बना बनाया खेल मधु लिमये की वजह से बिगड़ गया.

उधर समाजवादियों को भी डर लगा रहता था कि पता नहीं कुर्सी की दौड़ में जीतने के लिए उनकी वक्ती तिकड़मबाज़ियां मधु लिमये को कितनी नागवार गुज़रें.

सुनिए:बब्बर शेर की तरह टूट पड़ते थे मधु लिमये

छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें

और ये भी पढ़ें

सरदार पटेल

सरदार पटेल: जिन्होंने राजाओं को ख़त्म किए बिना ख़त्म कर दिए रजवाड़े

सुनील गावस्कर

सुनील गावस्कर ने जब सर डॉन ब्रैडमैन का 29 शतकों का 35 साल लंबा रिकॉर्ड तोड़ा

चरण सिंह

किसान दिवसः राजनीति के असली चौधरी थे चौधरी चरण सिंह

लोहिया

गोवा को 451 साल की गुलामी से लोहिया ने कैसे दिलाई आज़ादी

समाप्त

पेंशन के ख़िलाफ़ थे मधु लिमये

तात्कालिक राजनीतिक स्वार्थ के समय ही सुनाई देने वाली 'अंतरात्मा की आवाज़' के दौर में, मधु लिमये लोकतंत्र, आडंबरहीनता और साफ़ सार्वजनिक जीवन के पहरेदार बन गए थे.

मशहूर समाजवादी चिंतक और मधु लिमये को नज़दीक से जानने वाले रघु ठाकुर बताते हैं, "मधु आजीवन योद्धा रहे. वो 14-15 साल की उम्र में आज़ादी के आंदोलन में जेल चले गए और जब 1944 में विश्व युद्ध ख़त्म हुआ तब छूटे और जब गोवा की मुक्ति का सत्याग्रह शुरू हुआ तो उसमें वो फिर जेल गए और उन्हें बारह साल की सज़ा हुई."

जब मोरारजी ने कहा, 'जेपी कोई गांधी हैं क्या'

जनता आंधी जिसके सामने इंदिरा गांधी भी नहीं टिकीं

वो बताते हैं, "यही नहीं जब उन पर लाठियाँ चलीं तो मुंबई के अख़बारों में छप गया कि 'मधु लिमये गेले' यानी मधु लिमये का निधन हो गया. बहुत से लोग उनकी पत्नी चंपा लिमये के पास श्रद्धांजलि देने पहुंच गए. इसके अलावा जब देश में आपातकाल लगा तो वो 19 महीनों तक जेल में रहे."

वो कहते हैं कि मधु लिमये की राय थी कि सांसदों को पेंशन नहीं मिलनी चाहिए. वो बताते हैं, "उन्होंने न सिर्फ़ सांसद की पेंशन नहीं ली बल्कि अपनी पत्नी को भी कहा कि उनकी मृत्यु के बाद वो पेंशन के रूप में एक भी पैसा न लें. 1976 में जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान संसद का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया तब भी उन्होंने पांच साल पूरे होने पर लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया."

इमेज स्रोत,ANIRUDHHA LIMAYE

इमेज कैप्शन,

मधु लिमये अपनी पत्नी के साथ

'आप बड़े कटु लिमये हैं!'

मधु लिमये ने दुनिया को बताया कि संसद में बहस कैसे की जाती है. वो प्रश्न काल और शून्य काल के अनन्य स्वामी हुआ करते थे.

जब भी ज़ीरो आवर होता, सारा सदन सांस रोक कर एकटक देखता था कि मधु लिमये अपने पिटारे से कौन-सा नाग निकालेंगे और किस पर छोड़ देंगे.

मशहूर पत्रकार और एक ज़माने में मधु लिमये के नज़दीकी रहे डॉक्टर वेद प्रताप वैदिक याद करते हैं, "मधुजी ग़ज़ब के इंसान थे. ज़बरदस्त प्रश्न पूछना और मंत्री के उत्तर पर पूरक सवालों की मशीनगन से सरकार को ढेर कर देना मधु लिमये के लिए बाएं हाथ का खेल था."

वो बताते हैं, "होता यूँ था कि डॉक्टर लोहिया प्रधान मल्ल की तरह खम ठोंकते और सारे समाजवादी भूखे शेर की तरह सत्ता पक्ष पर टूट पड़ते और सिर्फ़ आधा दर्जन सांसद बाकी पाँच सौ सदस्यों की बोलती बंद कर देते. मैं तो उनसे मज़ाक में कहा करता था कि आपका नाम मधु लिमये है. लेकिन आप बड़े कटु लिमये हैं!"

जेपी, लोहिया से चाहते क्या हैं ये नेतादी

लोहिया के शिष्य मुलायम का 'शाही' जन्मदिनदी

इमेज स्रोत,RAGHU THAKUR FACEBOOK

इमेज कैप्शन,

मधु लिमये को नज़दीक से जानने वाले रघु ठा

Similar questions