अनित्य देह और अनादि जीव मे क्या अन्तर है
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Explanation:
अर्थात यह देह कभी भी समाप्त हो सकती है। अतः इस देह के लालच में हमें डरना नहीं चाहिए।
अनित्य देह का मतलब है अशाश्वत शरीर। यानी वह शरीर जिसका अंत निश्चित है और वह अनिश्चत, क्षणभंगुर और नश्वर है। इसी प्रकार अनादि जीव का मतलब है कि शाश्वत जीव। यानी जिसके पैदा होने या खत्म होने का कोई समय ना हो। इस श्रेणी में हम आत्मा और परमात्मा को रख सकते हैं। क्योंकि शरीर नश्वर होता है और आत्मा व परमात्मा अमर-अमर होते हैं।
Explanation:
अनित्य देह- यहां इसकी तुलना मानव सहित सभी प्रकार की जीवों के शरीर से की गई है। इस शब्द ने आशय यह है कि सभी प्रकार के जीवों का शरीर नश्वर है और उनना अंत निश्चित है। ऐसे में किसी को भी अपने देह या शरीर पर घमंड नहीं करना चाहिए।
अनादि जीव-यहां इस शब्द की तुलना आत्मा व परमात्मा से की गई है। क्योंकि आत्मा व परमात्मा शाश्वत है और वह सृष्टि के साथ बनी रहेगी। ऐसे में मनुष्य को हमेशा आत्मा और परमात्मा में विश्वास रखते हुए अपने बेहतर जीवन की कामना करनी चाहिए।