अन्वेषण’ कविता के अनुसार ईश्वर कहाँ विद्यमान हैं?
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2: ईश्वर कवि को किस रूप में पुकार रहा था?
उत्तर: ईश्वर कवि को किसी की आह के रूप में पुकार रहा था।
प्रश्न 3: कवि ईश्वर का रास्ता कहाँ देख रहा था?
उत्तर: कवि ईश्वर का रास्ता किसी फुलवारी या बगीचे में देख रहा था।
प्रश्न 4: कवि ईश्वर को किस प्रकार रिझा रहा था?
उत्तर: कवि बाजे बजा-बजाकर ईश्वर को रिझा रहा था।
प्रश्न 5: कवि ईश्वर की शरण में क्यों आया है?
उत्तर: कवि द्वारा ईश्वर की तलाश करना, ढूँढ़े हुए स्थान पर ईश्वर का न मिलना और स्वयं को असमर्थ महसूस करना उसे ईश्वर की शरण में ले जाता है।
प्रश्न 6: ज्ञान, ईमान, प्रेम और सत्य के रूप में ईश्वर कहाँ निवास करता है?
उत्तर: ईश्वर ज्ञान के रूप में हिन्दुओं में, ईमान के रूप में मुस्लिमों में, प्रेम के रूप में क्रिश्चियनों में तथा सत्य के रूप में सज्जन लोगों में निवास करता है।
प्रश्न 7: कवि ईश्वर से किस आशीर्वाद की कामना करता है?
उत्तर: कवि दृष्टि, मन एवं वचन में ईश्वर को देखने की प्रतिभा मिले, कष्ट सहने में समर्थ बने, दुख में हार न मानने तथा सुख में ईश्वर को न भूलने का प्रभाव उनके अधीर मन में भर जाए; ऐसे आशीर्वाद की कामना करता है
कवि द्रष्टि, मन एवं वचन में ईश्वर को देखने की प्रतिभा मिले, कष्ट सहने में समर्थ बने, दुख में हर न मनने तथा सुख में ईश्वर को न भूलने का प्रभाव उनके अधीर मन में भर जाए, ऐसा आशीर्वाद की कामना करता है।