अनुवाद एक कला है । यह साधना है और विज्ञान भी है । इसे जो साध ले गया वह मूल रचनाकार के साथ अमर हो जाता है।यह न तो भाषांतर है और न ही रूपांतर । यह उलथा भी नहीं है । सही अर्थों में यह किसी सृजन का भाषांतर के साथ - साथ पुनर्सजन भी है । ' अनुवाद ' को कोई सरल , सरस प्रक्रिया मानता है तो कोई इसे बेहद जटिल और नीरस क्रिया मानता है । आज अनुवाद एक स्वतंत्र विधा के रूप में बहुत संश्लिष्ट होकर निखरा है । कभी ' अनुवाद कला ' लगता है तो कभी ' शिल्प'लेकिन वस्तुतः यह ' विज्ञान ' है । विकी पीडिया के अनुसार इसे अध्ययन की सुविधा के लिए शब्दानुवाद , भावानुवाद , छायानुवाद , सारानुवाद व्याख्यानुवाद जैसे नाम दिए जा सकते हैं । जब अनुवादक स्रोत भाषा के शब्द एवं शब्द क्रम को उसी प्रकार लक्ष्य - भाषा में रूपान्तरित कर अपने भाव व्यक्त करता है तो वह शब्दानुवाद कहलाता है । यहाँ अनुवादक का लक्ष्य मूल - भाषा के विचारों को रूपान्तरित करने से अधिक शब्दों का यथावत् अनुवाद करने से होता है । शब्दानुवाद प्रायः कृत्रिम और मशीनी हो जाने के कारण मूल की आत्मा का हत्यारा भी बन जाता है । भावानुवाद साहित्य के क्षेत्र में अधिक प्रभावी होता है । साहित्यिक कृतियों का ही भावानुवाद का किया जाना उचित होता है।यह ज्ञान - विज्ञान के विषयों में अनर्थकारी हो जाता है । भावानुवाद में स्रोत .भाषा के भावों , विचारों एवं सन्देशों को लक्ष्य - भाषा में रूपान्तरित किया जाता है । इस सन्दर्भ में भोलानाथ तिवारी का कहना है : ' मूल सामग्री यदि सूक्ष्म भावों वाली है तो उसका भावानुवाद करते हैं । ' भावानुवाद में सम्प्रेषणीयता सबसे महत्त्वपूर्ण होती है । इसमें अनुवादक का लक्ष्य स्रोत - भाषा में अभिव्यक्त भावों , विचारों एवं अर्थों का लक्ष्य - भाषा में अन्तरण करना होता है । संस्कृत साहित्य में लिखे गए कुछ ललित निबन्धों के हिन्दी अनुवाद बहुत ही सफल सिद्ध हुए हैं । ( क ) " आज अनुवाद एक स्वतंत्र विधा के रूप में बहुत संश्लिष्ट होकर निखरा है । कभी ' अनुवाद कला ' लगता है तो कभी ' शिल्प'लेकिन वस्तुतः यह ' विज्ञान ' है । " का आशय स्पष्ट कीजिए 12 ( ख ) इस गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए और सार्थकता भी बताइए . 2 ( ग ) अनुवाद से आप क्या समझते हैं ? 2 ( घ ) भावानुवाद में अनुवाद की प्रक्रिया का रूप क्या होता है ? 2 ( च ) " इसमें अनुवादक का लक्ष्य स्रोत - भाषा में
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अनुवाद कला है विज्ञान है या शिल्प
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हम इन स वालों के जवाब गद्यां श की ओर देख कर पा सक ते हैं
Explanation:
- गद्यांश का उचित शीर्षक -- "अनुवाद -- एक कला"
- आशय स्पष्ट:
- अनुवाद एक भाषा में कही गई या लिखी गई किसी बात को दूसरी भाषा में बदलने की प्रक्रिया है।
- आदिकाल से लोग अनुवाद करते आ रहे हैं
- संस्कृत में, 'अनुवाद' शब्द को कई तरह की सेटिंग्स में नियोजित किया गया है, जिसमें एक शिक्षक के छात्र द्वारा दोहराना, फिर से गिनना, समर्थन कथन और दोहराव शामिल है।
- संस्कृत मूल 'वाद' 'अनुवाद' शब्द का स्रोत है। 'वाद' शब्द का अर्थ है 'बात करना'।
- अनुवाद से आप क्या समझते:
- अनुवाद के लिए 'अनुवाद' और 'अनुवाद' शब्दों का प्रयोग किया गया है। हालाँकि, इनमें से प्रत्येक शब्द के अब नए अर्थ और अनुप्रयोग हैं।
- अंग्रेजी शब्द INTERPRETATION, जिसका अर्थ है दो लोगों के बीच भाषा संबंध बनाना, 'व्याख्या' और 'रूपांतरण' शब्दों के समतुल्य है।
- एक कन्नड़ भाषी और एक असमिया भाषी के बीच भाषा के अंतर को पाटने का एकमात्र तरीका अनुवाद के माध्यम से है।
- आजकल, 'रूपांतरण' शब्द का प्रयोग अक्सर एक शैली की दूसरी शैली की रचना का वर्णन करने के लिए किया जाता है।
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