अनुवाद का परिचय देते हुए उसके प्रकारों का वर्णन कीजिए
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1. अनुवाद का सीमित स्वरूप पाठधर्मी आयाम के अंतर्गत अनुवाद में स्रोत-भाषा पाठ केंद्र में रहता है जो तकनीकी एवं सूचना प्रधान सामग्रियों पर लागू होता है। जबकि प्रभावधर्मी अनुवाद में स्रोत-भाषा पाठ की संरचना तथा बुनावट की अपेक्षा उस प्रभाव को पकड़ने की कोशिश की जाती है जो स्रोत-भाषा के पाठकों पर पड़ा है।
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