अन्य ग्रहवासी से मेरी मुलाकात इस विषय पर संवाद बनाकर लिखिए Answer of this question in Hindi for 9th class.
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अन्य ग्रहवासी से एक मुलाकात
(‘पिंगपांग’ ग्रह से एक एलियन पृथ्वी पर आता है, जहाँ वो मुझसे टकरा जाता है।)
एलियन — नमूबूका, मित्र।
मैं — ये आप क्या बोल रहे हो। आपकी शक्ल पृथ्वीवासियों की तरह तो नही है, क्या आप किसी दूसरे ग्रह के प्राणी हो? और ये नमूबूका क्या है?
एलियन — मैं पिंगपांग ग्रह से आया हूँ। नमूबूका, हमारे पिंगपांग ग्रह पर अभिवादन का एक तरीका है, जैसे कि आपके यहाँ नमस्ते, सलाम, गुड मार्निंग होता है।
मैं — ओह, नमूबूका एलियन जी। हमारे ग्रह पृथ्वी पर आपका स्वागत है। आप हिंदी कैसे बोल पा रहे हो।
एलियन — हमारे ग्रह की तकनीक बहुत उन्नत है, मेरे पास एक यंत्र हैं, जिसकी सहायता से में किसी भाषा में बात कर सकता हूँ।
मैं — काफी रोचक बात है। आप तो हम पृथ्वीवासियों से बहुत आगे हैं।
एलियन — मैं पृथ्वी पर आकर बहुत खुश हूँ, यहाँ के लोग बहुत अच्छे हैं। आपका ग्रह बहुत सुंदर है।
मैं — सो तो है। हमारी पृथ्वी है ही ऐसी। अब आपका दिल बार-बार यहां आने का करेगा।
एलियन — आप सही कह रहो हो, अबकी दुबारा मैं आऊंगा तो अपने परिवार को भी साथ लाऊंगा।
मैं — आपका हमेशा स्वागत रहेगा। क्या मैं आपका नाम जान सकता हूँ। आपके ग्रह पर भी हमारी पृथ्वी की तरह लोगों के नाम होते होंगे।
एलियन — बिल्कुल हमारे ग्रह का जीवन लगभग आपकी पृथ्वी जैसा ही है। मेरा नाम कमूका है। आपका नाम क्या है?
मैं — कमूका जी, मेरा नाम हेमंत कुमार है। आप जहाँ पर हैं, उस देश को ‘भारत’ कहते हैं, आपके ग्रह पर भी देश होते होंगे।
एलियन — जी नही। हमारा ग्रह आपके ग्रह के मुकाबले बहुत छोटा है। हमारे ग्रह में कोई देश नही होता। हमारे पूरे ग्रह का एक सम्राट होता है।
मैं — अच्छा, अपने ग्रह के बारे में और कुछ बताइये।
एलियन — मित्र हेमंत कुमार जी, मैं विस्तार से बताता लेकिन मेरे अंतरिक्ष यान से वापस जाने के सिग्नल आ रहें है। मैं फिर कभी आऊंगा, अभी मुझे वापस जाना होगा।
मैं — ठीक है, कमूका जी। आप जाइये। मैं आपका इंतजार करूंगा। हमारी बातचीत की शुरुआत आपके ग्रह के अभिवादन से हुई। अब हमारी बातचीत का समापन हमारे ग्रह के अभिवादन से करते हैं। नमस्ते।
एलियन — नमस्ते।
Answer:
अन्य ग्रहवासी से मेरी मुलाकात इस विषय पर संवाद बनाकर लिखिए
ऐसे तो किसी अन्य गृह के वासी से मुलाकात नामुमकिन है परन्तु इसकी कल्पना की जा सकती है |
कल सुबह के 5 बजे जब में टहलने के लिए घर से निकली तो रास्ते में कुछ आवाज़ आ रही थी | झाड़ियों में से कोई अजीव सा चीज़ निकला वो किसी दूसरे ग्रह से था | वो अपना रास्ता भटक गया था | पहले तो मैं भी डर गया पर हिम्मत करके पुछा, “तुम कौन हो |”
अन्य ग्रहवासी, “मैं रास्ता भूल गया हूँ”
मैंने पुछा, “यहाँ कैसे पहुंचे”
अन्य ग्रहवासी, “सब बापिस चले गए और मैं यहीं रह गया | मुझे अपने घर जाना है”
मैंने कहा, “ मैं तुम्हारी मदद करुँगी | तुम चिन्ता मत करो”