'अन्याय के खिलाफ़ लड़ाई पाठ के आधार पर कोया आदिवासियों का चरित्र-चिजण 60 शब्दों में कीजिए।
Answers
(a) आंध्र के घने जंगलों में रहने वाले आदिवासियों के बीच अपना हक जमाने के लिए अंग्रेजों ने क्या किया?
उत्तर: अंग्रेजों ने जब ये देखा कि अस्त्र-शस्त्र की लड़ाई में वे एकजुट कोया आदिवासियों को नहीं हरा पायेंगे तो उन्होंने दूसरा रास्ता अपनाया। अंग्रेजों ने आदिवासियों के राशन-पानी ले जाने के रास्ते की नाकेबंदी कर दी। इससे धीरे-धीरे आदिवासियों में भूखों मरने की नौबत आ गई। कहते हैं कि भूख की आग सबसे खराब आग होती है और इसके सामने कोया आदिवासियों में क्रांति की आग बुझने लगी।
(b) श्री राम राजू कौन था? उसने अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण क्यों किया?
उत्तर: श्री राम राजू भी एक कोया आदिवासी था। उसने हाई स्कूल तक की पढ़ाई थी। वह 18 साल की उम्र में साधू बन गया था। उसके ज्ञान के कारण लोग उसे अपना नेता मानने लगे थे। जब अंग्रेजों ने कोया आदिवासियों का राशन रोक दिया तो उनपर कहर टूट पड़ा। श्री राम राजू ने अपने लोगों की तकलीफ का अंत करने के लिए आत्मसमर्पण कर दिया।
(c) अंग्रेजों से लड़ने के लिए कोया आदिवासी क्या क्या करते थे?
उत्तर: कोया आदिवासी आपस में एक जुट होकर अंग्रेजों से लड़ाई कर रहे थे। वे पुलिस और सेना के हथियार छीन लेते थे। गाँव वालों के समर्थन की वजह से अंग्रेजों को उन का कोई सुराग नहीं मिल पाता था। राजू ने गुप्तचरों का जाल बिछा रखा था, जिससे अंग्रेजों की हर गतिविधि की खबर उनको मिलती थी।
(d) कोया आदिवासियों के विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम क्यों कहना चाहिए?
उत्तर: कोया आदिवासी अपने अधिकारों और आजादी के लिए विद्रोह कर रहे थे। हर प्राणी की तरह मनुष्य भी अपने तरीके से जीवन जीने के लिए स्वतंत्र होता है। अंग्रेजी सरकार कोया आदिवासियों की मूलभूत स्वतंत्रता के हनन का प्रयास कर रही थी। इसलिए कोया आदिवासियों के विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम कहना उचित है।
कोया आदिवासी आपापसात एकत्र येऊन इंग्रजांशी लढत होते. ते पोलिस आणि लष्कराची शस्त्रे हिसकावून घेत असत. ग्रामस्थांच्या पाठिंब्यामुळे इंग्रजांना त्यांचा काही सुगावा लागू शकला नाही. राजूने गुप्तहेरांचा सापळा रचला होता, ज्यातून त्याला इंग्रजांच्या प्रत्येक हालचालीची खबर मिळत असे.
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