अनचाहे अतिथि के आगमन पर भाई और बहन के बीच संवाद लिखिए |
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Answer:
भाई : बहन रमा मैं डाकघर तक जा रहा हूँ। तुम घर का ध्यान रखना
रमा : भाई नरेश, आप वहां क्या करने जा रहे हो?
नरेश : रमा, मुझे पिताजी को पत्र लिखने के लिए लिफाफा लाना है।
रमा : भाईसाहब! क्या लिफ़ाफ़े डाकघर में मिलते हैं? और वहां क्या-क्या होता है?
नरेश : रमा! वहां पर मनीआर्डर भी होते हैं।
रमा : भाईसाहब! फिर तो मैं भी आपके साथ चलूंगी। मुझे देखना हैं की मनीआर्डर कैसे होता है?
नरेश : चलो बहन, घर पर ताला लगा दो।
रमा : (ताला लगाती है) चलो भाईसाहब! डाकघर चलते हैं, वहां पहुंचकर लिफाफा खरीदते हैं।
नरेश : देखो बहन! इस खिड़की पर मनी आर्डर होता है, मनी आर्डर फार्म भरकर तथा साथ में पैसे देकर यहाँ जमा करा दिया जाता है, और रसीद ले ली जाती है। फिर यह तीन-चार दिन में ठीक स्थान पर पहुँच जाता है।
रमा : डाकघर तो बहुत काम की जगह है। यहाँ से हम काफी काम निकाल लेते हैं। आवश्यकता के अनुसार बचत के पैसे भी जमा करा सकते हैं।
नरेश : हाँ, बहन बिलकुल ठीक।
(दोनों घर वापस चले जाते हैं)
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भाई : बहन रमा मैं डाकघर तक जा रहा हूँ। तुम घर का ध्यान रखना
रमा : भाई नरेश, आप वहां क्या करने जा रहे हो?
नरेश : रमा, मुझे पिताजी को पत्र लिखने के लिए लिफाफा लाना है।
रमा : भाईसाहब! क्या लिफ़ाफ़े डाकघर में मिलते हैं? और वहां क्या-क्या होता है?
नरेश : रमा! वहां पर मनीआर्डर भी होते हैं।
रमा : भाईसाहब! फिर तो मैं भी आपके साथ चलूंगी। मुझे देखना हैं की मनीआर्डर कैसे होता है?
नरेश : चलो बहन, घर पर ताला लगा दो।
रमा : (ताला लगाती है) चलो भाईसाहब! डाकघर चलते हैं, वहां पहुंचकर लिफाफा खरीदते हैं।
नरेश : देखो बहन! इस खिड़की पर मनी आर्डर होता है, मनी आर्डर फार्म भरकर तथा साथ में पैसे देकर यहाँ जमा करा दिया जाता है, और रसीद ले ली जाती है। फिर यह तीन-चार दिन में ठीक स्थान पर पहुँच जाता है।
रमा : डाकघर तो बहुत काम की जगह है। यहाँ से हम काफी काम निकाल लेते हैं। आवश्यकता के अनुसार बचत के पैसे भी जमा करा सकते हैं।
नरेश : हाँ, बहन बिलकुल ठीक।
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