अनजान शब्द में अनुस्वार का नियम क्यों नही लघता है ?
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अनजान शब्द में अनुस्वार का प्रयोग नहीं होता है क्योंकि अनजान को बोलते समय हमें अनजान शब्द में आधा न की जरूरत नहीं होती है।
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संस्कृत भाषा का उच्चारण करते समय अनुस्वार का उच्चारण उस अक्षर के वर्ग के अनुसार होता है। उदाहरण के लिए : रंग शब्द में अनुस्वार का ङ और रंभा शब्द में म का उच्चारण होता है क्योंकि ङ और ग दोनो क-वर्ग के अक्षर होते हैं और म और भ दोनो प-वर्ग के। यह नियम हिन्दी में भी प्रयुक्त होता है।
अंतस्थ और ऊष्म वर्ग के अक्षर (य र ल व, श ष स ह) से पहले अनुस्वार के उच्चारण में संस्कृत और हिन्दी में भिन्नता होती है। संस्कृत में अनुस्वार का उच्चारण यहाँ म् जैसा है। मानक हिन्दी में यह उच्चारण संस्कृत से भिन्न हुआ करता है।
शब्द : संस्कृत : हिन्दी
संयम : samyam : saiyyam
संरक्षण : samrakshaNa : sangrakshaN
संलिप्त : samlipta: samlipt
संवाद : samvaada: samvaad
संशय : samshaya: sanshay
हंस : hamsa: hans
संहार: samhaara: sang-haar