Hindi, asked by Raquelitaaaa9124, 10 months ago

अनल-किरीट’ कविता उदात्त और ओज भावमयी है।"" पठित कविता के आधार पर उक्त कथन को समझाइये।

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Answered by RvChaudharY50
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Answer:

उदात्त शब्द का आशय मानव-हृदय की करुणा, मानवीय-चेतना, सांस्कृतिक भावोज्ज्वलता एवं उदारता आदि है। आत्मिक भावों की हृदयगत निष्कलंक अभिव्यक्ति ही उदात्त रूप में होती है। कवि दिनकर ने अपने काव्य में ऐसे उच्च विचारों का सहजता से प्रतिपादन किया, जो समाज के लिए मार्गदर्शक हैं, कल्याणकारी हैं। साथ ही उन्होंने हृदय के भावों को कुछ प्रखरता, पौरुष, क्रान्ति एवं ओज के स्वर सहज रूप में व्यक्त किया है। एक प्रकार से कवि दिनकर सामाजिक चेतना के साथ राष्ट्रीयता की निश्छल अभिव्यक्ति ओजस्वी भावों में करते रहे हैं तथा इसी से उन्हें अपने युग का चारण एवं वैतालिक कहा गया है। वस्तुतः उदात्त एवं ओजपूर्ण भावों की अभिव्यक्ति कवि दिनकर के काव्य की अन्यतम विशेषता है।

इस दृष्टि से ‘अनल-किरीट’ कविता को देखा जाए तो इसमें कवि ने सुधाबीज बोने की, कष्टों का जहर पीकर भी दूसरों का हित करने की बात कहकर उदात्त चेतना का परिचय दिया है। मानव परहित तभी कर पाता है जब उसमें साहस, वीरता और संघर्षशीलता आदि गुण आदर्श रूप में हों। इसके बिना सफल और सार्थक जीवन सम्भव नहीं है। ‘अनल-किरीट’ कविता में कवि दिनकर ने ‘जागरूके की जय निश्चित है’ तथा ‘जिनके जादू पानी में आग लगाते हैं’ इत्यादि कथनों से जहाँ ओज-तेज एवं संघर्षशीलता की व्यंजना हुई है, वहीं सुन्दर उदात्त भावों का प्रकाशन भी हुआ है।

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