andher nagri choupat raja saaransh
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Andher Nagri Chaupat Raja story summary
=>एक समय की बात है कोशी नदी के किनारे एक संत अपने शिष्य गंगाधर के साथ कुटिया बनाकर रहते थे. वे दोनों परम ज्ञानी, विद्वान् और ईश्वर के सच्चे भक्त थे. ये दोनों अपने अधिकांश समय अपने तपस्या तथा भगवान् की भक्ति में लगाते थे . और भिक्षाटन करके अपनी आजीविका चलते थे .
वे कभी- कभी देश-भ्रमण करके जनता की सेवा भी कर लिया करते थे . इसी दरम्यान देश-भ्रमण के दौरान वे विचित्र देश में पहुंचे . वहां भी इन दोनों गुरु और शिष्य ने नगर के बाहर एक बगीचे में अपना डेरा डाला और नगर के हाल-चाल लेने के लिए निकल पड़े .
दिन-भर दोनों गुरु और शिष्य देश में भ्रमण करने के बाद शाम को कुटिया में पधारे . दिन-भर घूमने के बाद गुरु को भूख का अहसास हुआ . उन्होंने अपने शिष्य को एक रुपया देकर कहा की बाजार जाकर कोई भाजी [ सब्जी] ले आओ . जब उनका शिष्य बाजार गया तो एक बनिया उससे मिला तो उन्होंने बाजार की सभी वस्तुओं का भाव पूछा . उस बनिए ने उस शिष्य को सभी वस्तुओं का भाव टके सेर यानि एक रूपये के किलो बताया . उसने बोलै कमाल है सभी वस्तुओं का भाव टके सेर है .
शिष्य – इस नगर का क्या नाम है
बनिया – अंधेर नगरी
शिष्य – इस नगर के राजा का क्या नाम है
बनिया – चौपट राजा
उसके शिष्य के मन में सभी वस्तुओं के भाव को जानकर आश्चर्य हुई की ये कैसा नगर है यहाँ सभी वस्तुए एक ही भाव में मिलते है, भाजी, मिठाई, दूध, दही, मक्खन आदि .