anekta mein ekta ke prateek bhartiya tyohar par nibhand [200 words at least]
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भारत एक ऐसा देश हैं, जो अनेक तरह की विविधताओ से विविधताओ भरा है | इतनी विविधताओ संसार के किसी भी देश मे दुर्लभ है ।इस देश को तयोहार और परवो का देश भी कहा जाता है। इन त्योहारों में भी अन एकरूपता से दिखाई पड़ती है ।अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की अनूठी पहचान है । स्वतंत्र भारत में सभी लोगों को पूरी धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है, इसलिए वे अपने- अपने विश्वास, श्रद्धा तथा आस्था के अनुसार अलग-अलग तयोहार मनाते हैं। भारत के तयोहार का जाल बिछा हुआ है। इन त्योहारों का संबंध विभिन्न धर्म, और संप्रदाय, जातियों, रीति-रिवाजों, सामाजिक परंपराओं, ऋतु तथा मान्यताओं से होता है, इसलिए ये त्योहार अनेक प्रकार के होते हैं- धार्मिक सामाजिक सांस्कृतिक, स्थानीय तथा राष्ट्रीय। सभी त्योहार अपना-अपना महत्व रखते हैं तथा जीवन के सुने पन को दूर कर हमें नैतिक मूल्यों से जोड़ते हैं। त्योहार चाहे किसी भी धर्म से जुड़े हो, वे हमारे जीवन को उल्लास उमंग स्फुती नव चेतना सद्भाव मैत्री तथा सांप्रदायिक सद्भाव से भर देते हैं । तयोहार को मानने के कारण चाहे कुछ भी हो उनसे कोई ना कोई प्रेरणा अवश्य प्राप्त होती है। यह देश की एकता और अखंडता को मजबूत करते हैं ।यह त्यौहार हमें धर्म नयाय तथा सच्चाई के मार्ग पर ले जाते हैं। यही नहीं स्थिति तो यह है कि इन त्योहारों का हर धार्मिक सद्भाव के दर्शन भी होते हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम तयोहारों का अत्यंत उत्साह एवं सच्ची भावना से मानना चाहिए हमें इन सभी तयोहारों से प्राप्त होने वाले संदेशों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए ।