ankit ke man per swach bharat abhiyan sanket ki kahani
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दीपक नाम का एक लड़का था | वह क्रिकेट में बहुत अच्छा खेलता था और स्कूल टीम का प्रमुख ख़िलाड़ी था । दीपक की मां को अपने बेटे पर बहुत गर्व था लेकिन वह केवल उसके एक गलत आदत के बारे में बहुत चिंतित रहती थी – वह थी उसके गंदे रहने की आदत | हालांकि कई बार याद दिलाने के बाद भी दीपक कभी दांतों को ब्रश करना तो कभी स्नान करना भूल जाता था | यहाँ तक कि साफ कपड़े पहनने पर भी ध्यान नहीं देता था। उसे जो कुछ भी पहले दिख जाता था वह उसे पहन लेता था भले ही उसने उसे पिछले दिन पहन कर क्रिकेट खेला था।
आज दीपक के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन था क्योंकि क्रिकेट टीम चयन समिति उसके स्कूल से राज्य स्तर के लिए चुनिंदा टीम का चयन करने आ रही थी। दीपक ने कल देर से अभ्यास किया था, इसलिए सुबह उठने में थोड़ा देर हो गई । जैसे ही दीपक सोकर उठा तुरन्त वह उन्ही कपड़ों में स्कूल पहुंच गया जिन कपड़ों में उसने पिछले दिन अभ्यास कर रहा था और सो गया था । उसने अपनी मां को भी कुछ नहीं बताया और स्कूल जाने के लिए घर से तुरंत निकल गया । उसकी मां पीछे से आवाज़ देती रही लेकिन उसने उनकी आवाज़ नहीं सुनी।
वह जैसे तैसे टीम को चुनने के लिए बनाई गई लाइन में शामिल होने के लिए समय पर पहुंच गया । जब दीपक की बारी आई तो दूसरों खिलाडियों की तरह उसने अपने परिचय देते हुए क्रिकेट के बारे में अपने अनुभव को बताया | दीपक के खेल शिक्षक ने चयन समिति के सामने उसकी प्रशंसा करना शुरू कर दिया । दीपक वास्तव में गर्व महसूस कर रहा था और उसे यकीन था कि वह चुना जाएगा। समिति चयनित चुने हुए छात्रों को दाईं ओर ले जा रही थी और दूसरों को बाईं ओर भेजा जा रहा था | चयन समिति ने दीपक को बाईं ओर भेजा तो वह चौंक गया | उसे उनके निर्णय पर विश्वास नहीं हो रहा था ।
समिति की ओर रुख करते हुए उन्होंने सवाल किया, ” सर, यह गलत है | मैं टीम का सबसे अच्छा खिलाडी हूं तो मुझे क्यों नहीं चुना गया !”
चयन समिति के सदस्यों में से एक ने शांतिपूर्वक जवाब दिया, ” जो व्यक्ति खेल के महत्व का सम्मान नहीं करते हुए उसके अनुसार पोशाक नहीं पहन सकता वह हमारी टीम का हिस्सा नहीं हो सकता है । क्रिकेट सज्जन व्यक्तियों का खेल है और एक सज्जन हमेशा स्वच्छ और सभ्य रहता है । “
उनकी बाते सुनकर दीपक भौचक्का रह गया और आज उसे स्वच्छता का महत्व अच्छी तरह समझ गया था ।
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