annuched on baadal 10 lines for class 1
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(Annuched on baadal 10 lines for class 1)
बादलों पर अनुच्छेद (क्लास 1 के विद्यार्थियों के लिये)
बच्चों! मैं बादल हूँ। मैं बरसता हूं। मेरे अंदर पानी होता है, बच्चों! जिस बारिश को देखकर तुम खुशी से चहचहाने लगते हो, मैं उसका पिता हूँ, क्योंकि वो मेरे से ही उत्पन्न होती है। मैं आसमान में जगह उड़ता रहता हूं, जब मेरे अंदर बहुत भार हो जाता है, मैं बरस पड़ता हूँ। मैं समुद्र से लेकर पहाड़ तक बरसने के लिये लंबा सफर तय करता हूँ। बच्चों! किसान लोग मुझे देखकर बड़े खुश होते हैं क्योंकि यदि मैं बरसूंगा तो उनके खेतों को पानी मिलेगा और उनके खेतों में फसल लहलहायेगी।
जब गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही होती है, तब लोग मेरी बेटी बारिश की प्रतीक्षा करते हैं और मुझे देख कर बड़े खुश हो जाते हैं कि मैं आया हूं तो मेरी बेटी बारिश भी आएगी। लोग प्यार से बदरा, बदली, कारे बदरा, मेघ-मल्हार, काले मेघा पता नही क्या-क्या कह कर मुझे बुलाते हैं। मेरे कारण ही इस पृथ्वी पर जीवन का चक्र चल रहा है, क्योंकि मैं अपने अंदर ढेर सारा पानी समेटकर जगह-जगह बरसाता हूँ, जिससे लोगों को पानी मिलता है, और पानी ही जीवन का प्रतीक है।