anopcharik patra galat sangti se Bachane ke liye apne se chote bhai ko patra likho Hindi mai
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आपका पता
दिनांक -----------
प्रिय अ ब क (भाई का नाम)
बहुत प्यार!
मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ और आशा करता हूँ कि, तुम सब भी वहाँ कुशल होंगे। मुझे पिताजी से पता चला कि आजकल तुम्हारा मन पढ़ाई में कम और घूमने फिरने में ज्यादा लग रहा है। तुम देर रात तक घर नहीं आते हो। और पुछे जाने पर बड़ो को उलटा जवाब देते हो। पिताजी ने बताया कि स्कूल से भी तुम्हारे खिलाफ शिकायत आई है। तुम्हारे ऐसे व्यवहार से माँ और पिताजी दोनों को बड़ा दुःख पहुँचा है।
मेरे भाई विद्यार्थी जीवन सबसे महत्त्वपूर्ण होता है। कुसंगति में पड़कर तुम स्वयं अपनी पाँव पर कुल्हाड़ी मार रहे हो। अभी भी वक्त है, सुधर जाओ। जीवन में सच्चे और अच्छे मित्र के साथ दोस्ती करनी चाहिए। सच्चा मित्र ही हमें आईना दिखाकर अच्छाई और बुराई के बारे में मार्गदर्शन करता है। इसलिए हमें अच्छे दोस्तों से संगति करनी चाहिए।
आशा है कि तुम मेरी बात को समझ जाओगे और कुसंगति छोड़ अपना ध्यान पढ़ाई पर लगाओगे।
माँ और पिताजी को मेरा चरणस्पर्श। अपना ध्यान रखना।
तुम्हारा प्यारा भाई,
अ ब क (आपका नाम)दिनांक
प्रिय भाई सतीश ,
तुम्हारा पत्र मिला। जानकार प्रसन्नता हुई की तुम आंठवी कक्षा की परीक्षा में प्रथानश्रेणी से पास हो गए हो। इसके लिए तुम्हे हार्दिक बधाइयां देता हूँ और आशा करता हूँ की भविष्य में भी तुम इसी प्रकार सभी परीक्षाओं में सफल होते रहोगे। आगे नवीं और दशवीं कक्षा की पढाई और कठिन हो जायेगी। इसके लिए तुम्हे और अधिक परिश्रम की आवश्यकता होगी तथा भविष्य में अपने मित्रों का चयन भी काफी समझदारी से करना होगा क्योंकि कुसंगति से सभी कार्यों में व्यवधान आ जाता है। कुसंगति किसी को भी गर्त में ले जा सकती है। जिस प्रकार एक गन्दी मछली तालाब के सारे पानी को गन्दा कर देती है वैसे ही एक गन्दा मित्र जीवन की दिशा ही बदल देता है। अतः कुसंगति से बचने की आवश्यकता है।
पुनः आठवीं कक्षा में उत्तीर्ण होने की बधाई ! किसी भी वास्तु की आवश्यकता होने पर लिखने में संकोच मत करना। माँ और पिताजी की ओर से आशीर्वाद।
तुम्हारा प्रिय भाई आनंद