Hindi, asked by vishwas7, 1 year ago

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Answered by Anonymous
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5.jal samrakshan bahut tareekonse kiya ja sakte hain
   jal ka sadupayog karna chahiye
   ped poudhe lagana chahiye
   pani ka vyard istemaal nahi karna chahiye
   ghar me koi leakage nahi rehne dena chahiye
   baarish ke paani ko bachana hain
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6.kya aap dharti ko bachana nahi chahte he
   apne agle peedhi ko jeevan barbaat karna hain kya
   kitne din aise prakrutik sansaadhan ko barbaat karenge
   iss dharti ko bachane ke liye aap kye kar rahe hain
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7.majdoor aur kisan to haamare jeevan main bahut khas hote hain.kisan ann ugata hain aur mazdoor hamara service karte hain.ve hamara bahut kaam ate hain.unke bhalayi ke liye ham kuch bhi karne ke liye tiyaar hona hain.unhe kuch khane ko dena,kuch paise dena,koi problem aye to usey solve katne main madad karna hain.ham hi nahi sarkar bhi inke liye bahut kuch kar rahe hain.hame bas inka value dena hain aur unhe nichi nazar se nahi dekna chahiye
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8.bhartiy log us desh ke hain jaha ganga behti hain.bhartiyonko mehme bhagvan hote hain.bhartiy ko laalach nahi hote hain ve tode main guzara hota hain.bhartiy hamesha sach bolte hain aur unke dil saaph hote hain
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9.paryavaran ke bigadne se sara dharti nirjeev ho jati hain.kisi ko khane ko ya peene ko kuch nahi milte.temperature raise ho jata.sab prani marne lag jate hain.dharti pe koi nahi bachta.
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10.saadar pranam,
        mera naam xxx aur main nouvi kaksha main padti hu.main do dinose sardi aur bukhar se peedit hu.vaidyji ne aur teen din ki aaram lene ke liye kaha hain.isliye krupa karke teen din ki chhutti manzoor kijiye
           dhanyvaad,
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हर मानसिक स्थिति में सफलता की एक ही कुंजी है, और वो है एकाग्रता। परीक्षा कक्ष में बैठे स्टूडेंट के दिमाग में घूम रहे किसी गाने के विचार उसका ध्यान भंग कर सकते हैं। बेहद जरूरी समझौता तैयार कर रहे व्यापारी को पत्नी के साथ हुई बहस का ख्याल परेशान कर सकता है। न्यायधीश, इस बात से विचलित हो सकता है कि सामने खड़ा किशोर, उसके बेटे जैसा दिखता है। एकाग्रता की कमी का प्रत्यक्ष प्रभाव कार्यक्षमता व नतीजे पर पड़ता है। आमतौर पर लोगों को एकाग्र मस्तिष्क की सफलता के पीछे का कारण नहीं मालूम होता। एकाग्र मस्तिष्क, परेशानियों को ज्यादा तेजी से सुलझा लेता है। बल्कि, यह कहा जाए कि एकाग्र ऊर्जा के कारण परेशानियां खुद-ब-खुद गायब हो जाती हैं और कई बार उन्हें सुलझाने की आवश्यकता ही नहीं होती।    

एकाग्र मन अक्सर कम संकेंद्रित मस्तिष्क की तुलना में अवसरों को ज्यादा आकर्षित करता है। एकाग्र रहने वाले व्यक्ति को प्रेरणा भी मिलती है। एकाग्रता, हमारी शक्तियों को जागृत करती है और मुश्किलों को हटाकर हमारे लिए मार्ग तैयार करती है। एकाग्रता ही सफलता की एकमात्र कुंजी है।


योग में यह बात सही साबित होती है। ध्यान के दौरान मस्तिष्क एकदम शांत और स्थिर होता है। योग की शिक्षा में आपको एकाग्रता विकसित करने का पाठ पढ़ाया जाता है।


अब आप ये जानना चाहेंगे कि एकाग्रता क्या है? एकाग्रता का मतलब है, अपनी मानसिक व भावनात्मक ऊर्जा को दूसरे कामों में न लगाना। इसके अलावा, इसमें किसी एक विषय पर जागरुकता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को विकसित किया जाता है।


एकाग्रता में ऊर्जा प्रवाह का प्रदर्शन देखा जा सकता है। जब एकाग्रता अधिक स्थायी हो जाती है तो यह अभ्यास का हिस्सा बन जाती है। योगी को उस वस्तु की पहचान हो जाती है, जो एकाग्रता के लिए ज़रूरी होती है। अभ्यास के साथ-साथ एकाग्रता को कोई बाहरी व्यवधान प्रभावित नहीं कर पाता


vishwas7: can you write all in Hindi
Anonymous: seriously....
Anonymous: no i cant u r in 9th u could ryt it no ryt urself
Anonymous: and thanks cheppu
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