English, asked by deepakpmccgmailcom, 6 months ago

Answer any one out of the following questions in about 100-150 words
(a) भक्ति आंदोलन लोगों में कैसे इतना लोकप्रिय हो गया? अपने उत्तर की पुष्टि किन्हीं चार तर्को के साथ
कीजिए।
(पाठ 4 देखें)
How did the Bhakti Movement became so popular? Exercise any four reasons to support your
(Lesson-4)
answer
AP​

Answers

Answered by Abhinav014183
0

Answer:

भक्ति आंदोलन- सूफी आंदोलन की अपेक्षा अधिक प्राचीन है। उपनिषदों में इसकी दार्शनिक अवधारणा का पूर्ण प्रतिपादन किया गया है। भक्ति आंदोलन हिन्दुओं का सुधारवादी हिन्दुओं का सुधारवादी आंदोलन था। इसमें ईश्वर के प्रति असीम भक्ति, ईश्वर की एकता, भाई चारा, सभी धर्मों की समानता तथा जाति व कर्मकांडों की भर्त्सना की गई है। वास्तव में भक्ति आंदोलन का आरंभ दक्षिण भारत में सातवी से बारहवीं शताब्दी के मध्य हुआ, जिसका उद्देश्य नयनार तथा अलवार संतों के बीच मतभेद को समाप्त करना था। इस आंदोलन के प्रथम प्रचारक शंकराचार्य माने जाते हैं।

शंकराचार्य के उपरांत बारह तमिल वैष्णव संतों ने जो संयुक्त रूप से अलवार के नाम से प्रसिद्ध थे, ने भक्ति को काफी लोकप्रिय बनाया।

शैव नयनारों तथा वैष्णव अवलारों ने जैनियों और बौद्धों के अपरिग्रह को अस्वीकार कर ईश्वर के प्रति व्यक्तिगत भक्ति को ही मुक्ति का मार्ग बताया। उन्होंने प्रेम और व्यक्तिगत ईश्वर भक्ति का संदेश समस्त दक्षिण भारत में स्थानीय भाषाओं का प्रयोग करके पहुंचाया।

वैष्णव संतों से शंकर के अद्वैत और ज्ञानमार्ग का विरोध किया। इन संतों के अनुसार परमात्मा निर्गुण नहीं सगुण है। इन्होंने ब्रह्म और जीव की पूर्ण एकता को स्वीकार किया।

भक्ति आंदोलन की विशेषताएँ –

भक्ति की धारणा का अर्थ एकेश्वर के प्रति सच्ची निष्ठा है।

भक्ति पंथ ने उपासना की विधियों के रूप में कर्मकांडों तथा यज्ञों का परित्याग किया।

भक्ति आंदोलन समतावादी आंदोलन था जिसने जाति या धर्म पर आधारित भेदभाव का पूर्णतया निषेध किया।

भक्ति संतों ने जनसाधारण की सामान्य भाषा ( क्षेत्रीय भाषा ) में उपदेश दिया, जिसके कारण हिन्दी, मराठी, बंगाली और गुजराती भाषाओं का विकास हुआ।

भक्ति आंदोलन के मूल सिद्धांत सूफी संतों की शिक्षाओं से बहुत मिलते जुलते हैं।

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