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prashn1-- संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य का सम्बन्ध किसी दूसरे शब्द के साथ जाना जाए, उसे कारक (Karak) कहते हैं। कारक संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का वह रूप होता है जिसका सीधा सम्बन्ध क्रिया(Kriya) से ही होता है।
हिन्दी में आठ कारक होते हैं- कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध, अधिकरण और सम्बोधन।
prashn 2- Answer: परिमाणवाचक विशेषण: वैसा शब्द जो अपने विशेष्यों को निश्चित या अनिश्चित मात्रा में बोध कराए,उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। । परिमाणवाचक विशेषण दो तरह के होते है। संख्यावाचक विशेषण :- जहाँ संख्या संबंधी विशेषता बताया जाये उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। संख्यावाचक विशेषण दो तरह के होते है।
prashn-3 जिस क्रिया से ज्ञान हो कि कर्ता स्वयं कार्य को न करके किसी अन्य को कार्य करने की प्रेरणा देता है वह प्रेरणार्थक क्रिया कहलाती है।
सुरेंदर राधा से खाना पकवाता है।
जैसा कि आपने ऊपर दिए गए उदाहरण में देखा कि इसमें दो कर्ता है। पहला करता है सुरेंदर एवं दूसरी राधा।
असलियत में काम तो राधा कर रही है लेकिन राधा को काम करने की प्रेरणा सुरेंद्र रहा है। अतः यह उदाहरण प्रेरणार्थक क्रिया के अंतर्गत आएगा.
apmaan- samman
aseem-simit
savera,mahatav
jaativachak-netapparivaar
vyaktivachak-panjab,kashi
bhavachak-sahas,deshprem
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