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"हो किस फेर में रग्घू—अच्छा, तो मूँग ही दल लेना।"
- दल शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी अलग्योझा इस प्रकार किया है.
"कुछ खा-पी लेगी, तभी तो मूँग दल सकेगी।"
- दल शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी अलग्योझा इस प्रकार किया है.
"दोनों दल दिल खोलकर लड़े।"
- दल शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी आल्हा इस प्रकार किया है.
- दल शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी अलग्योझा इस प्रकार किया है.
"कुछ खा-पी लेगी, तभी तो मूँग दल सकेगी।"
- दल शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी अलग्योझा इस प्रकार किया है.
"दोनों दल दिल खोलकर लड़े।"
- दल शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी आल्हा इस प्रकार किया है.
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