Hindi, asked by Anonymous, 11 months ago

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Answered by shwetacharan447
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इस पद्यांश में कवि ये कहना चाहता है की हिरण थोड़ी सी आवाज पाते ही ऊपर की तरफ गर्दन उठाकर हमारी ओर देखा । कवि कहता है कि वो बिल्कुल उन हिरणियों की तरह है जिनको एक बार कान्हा के वन्य स्थल में देखा था । कान्हा के वन की हिरनिया डरती नहीं , भागती नहीं है सिर्फ एक संदेह भरी मुस्कान के साथ हमें देखती है और फिर से अपने कार्य में लग जाती है । कवि के अनुसार ये दृश्य इतना जीवंत और सजीवता से भरा हुआ है और इसकी शुद्धता बहुत ही उत्तम है । ओर ये दृश्य हमेशा ऐसा ही साष्वत रहने वाला है । लेकिन कवि ये सोचकर डर जाता है कि ये दृश्य , ये झोपड़ी , खेत ,पेड़ पोधे सब कुछ समाप्त हो जाएगा ।

Answered by Anonymous
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\huge\underline\mathbb\blue{Answer}

जरा सी आहट।----------------आम के पेड़ सब।

व्याख्या

इस पद्यांश में कवि ये कहना चाहता है की हिरण थोड़ी सी आवाज पाते ही ऊपर की तरफ गर्दन उठाकर हमारी ओर देखा । कवि कहता है कि वो बिल्कुल उन हिरणियों की तरह है जिनको एक बार कान्हा के वन्य स्थल में देखा था । कान्हा के वन की हिरनिया डरती नहीं , भागती नहीं है सिर्फ एक संदेह भरी मुस्कान के साथ हमें देखती है और फिर से अपने कार्य में लग जाती है । कवि के अनुसार ये दृश्य इतना जीवंत और सजीवता से भरा हुआ है और इसकी शुद्धता बहुत ही उत्तम है । ओर ये दृश्य हमेशा ऐसा ही साष्वत रहने वाला है । लेकिन कवि ये सोचकर डर जाता है कि ये दृश्य , ये झोपड़ी , खेत , पेड़ पोधे सब कुछ समाप्त हो जाएगा ।

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