Hindi, asked by ayushiydav2507, 5 months ago

answer plzz...
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Answered by rishabh7070
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marks as brainliest in both answer please

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Answered by theaditisingh12
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1)कबीर के अनुसार सच्चा संत वही कहलाता है जो साम्प्रदायिक भेदभाव, सांसारिक मोह माया से दूर, सभी स्तिथियों में समभाव (सुख दुःख, लाभ-हानि, ऊँच-नीच, अच्छा-बुरा) तथा निश्छल भाव से प्रभु भक्ति में लीन रहता है।

2)राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर आदि राजा केवल ऊँचे कुल में जन्म लेने के कारण महान नहीं बने वे महान बने तो अपने उच्च कर्मों से। इसके विपरीत कबीर, सूर, तुलसी बहुत ही सामान्य घरों में पैदा हुए परन्तु संसार भर में अपने कर्मों के कारण प्रसिद्ध हुए। अत: हम कह सकते है कि व्यक्ति की पहचान ऊँचे कर्मों से होती है, कुल से नहीं।

3)कवि ने सच्चे प्रेमी की कसौटी बताते हुए यह बताया है कि सच्चा प्रेमी अर्थात् जो ईश्वर को ही अपना प्रेमी समझकर उसे पाने का प्रयास करता है। सच्चा प्रेमी ईश्वर के अलावा किसी से कोई मोह नहीं रखता है। उसे मोह और संसार के बंधन भी नहीं बाँध सकते।

4)सभी जीवों की रचना ईश्वर द्वारा की गयी है। अत: ईश्वर का वास हर प्राणी की हर साँस में है अर्थात् ईश्वर हर प्राणी में समाया है। इसलिए कबीर ने ईश्वर को सब स्वाँसों की स्वाँस में कहा है।

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