English, asked by Anonymous, 5 months ago

Answer the following briefly.

b. Mention three things that tell you that the speaker will not be in touch with anybody.

class - 6

book name - new pathway

poem - off to outer space tomorrow morning


please give me correct answer

no samp warning⚠⚠

Answers

Answered by skmadhuri114
5

Answer:

He has a gentle manner. 3 manners plural : behavior toward or in the … ... B. Mention three things that tell you that the speaker will not be in touch with anybody.

Answered by sk181231
1

Answer:

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इस लेख में हमने सम्पूर्ण रामायण की कहानी हिन्दी में (Full Ramayan Story in Hindi) लिखा है। यह हमने लघु रूप में लिखा है जिसमे हमने इस महाकाव्य के मुख्य भागों को विस्तार रूप में बताया है। इसकी रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी।

वैसे तो रामायण कथा बहुत लम्बी है परन्तु आज हम आपके सामने इस कहानी का एक संक्षिप्त रूप रेखा प्रस्तुत कर रहे हैं। रामायण की कहानी मुख्य रूप से बालकांड, अयोध्या कांड, अरण्यकांड, किष्किंधा कांड, सुंदरकांड, लंका कांड, और उत्तरकांड में विभाजित है।

रामायण के महाकाव्य में 24000 छंद और 500 सर्ग हैं जो कि 7 भागों में विभाजित हैं। रामायण श्री राम, लक्ष्मण, सीता की एक अद्भुत अमर कहानी है जो हमें विचारधारा, भक्ति, कर्तव्य, रिश्ते, धर्म, और कर्म को सही मायने में सिखाता है।

आईये शुरू करते हैं – रामायण की पूर्ण कथा हिंदी में (The Epic Story of Ramayana in Hindi) संक्षिप्त रूप में…

1. बालकांड Bala Kanda of Ramayan Story in Hindi

राम-सीता जन्म कथा

प्राचीन काल की बात है सरयू नदी के किनारे कोशला नामक राज्य था। कोशला राज्य की राजधानी अयोध्या थी जिसके राजा का नाम दशरथ था। राजा दशरथ के तीन पत्नियाँ थी जिनके नाम थे – कौशल्या, कैकई और सुमित्रा। परन्तु बहुत समय से उनकी कोई भी संतान नहीं थी जिसके कारण उन्हें उत्तराधिकारी की कमी हमेशा सताती थी।

इसके विषय में उन्होंने ऋषि वशिष्ठ से बात की और पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाया। यज्ञ के कारण उनकी पत्नियों को चार पुत्र हुए। उनकी पहली पत्नी कोशल्या से राम, कैकई से भरत और सुमित्रा से लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। सभी राजकुमार शास्त्रों और युद्ध कला में निपूर्ण थे।

जब राम 16 वर्ष के हुए तब ऋषि विश्वामित्र, रजा दशरथ के पास गए और यज्ञ में विघ्न डालने वाले राक्षसों का अंत करने में राम और लक्ष्मण की मदद मांगी। राम और लक्ष्मण ने इस कार्य को आदर से मान और कई राक्षसों का अंत किया जिसके फलस्वरूप उन्हें ऋषि विश्वामित्र ने कई दिव्य अस्त्र प्रदान किये।

एक दुसरे प्रदेश मिथिला के राजा जनक भी निसंतान थे। ऋषियों के कहने पर राजा जनक ने अपने राज्य के खेत में हल चलाना शुरू किया। हल चलते समय उन्हें एक धातु से टकराने की आवाज़ आई। जब राजा जनक ने देखा तो उन्हें सित के कलश में एक कन्या जमीन में गड़ी हुई मिली।

उस कन्या को जैसी ही राजा जनक ने मिटटी से निकाला राज्य में बारिश होने लगी और उस कन्या को जनक अपने महल ले गए। सित के कलश में पाने के कारण उस कन्या का नाम सीता रखा गया।

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