Answer these questions in 40-50 words.
1. कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत से क्यों की है ?
2. 'नवजीवन का अमृत' से कवी का क्या अर्थ है ?
3. कवी का ऐसा विश्वास क्यों है कि अभी उनका अंत नहीं होगा?विश्वास मानव जीवन ने कितना और क्यों आवश्यक है?
4. कवि पुष्पों के तंद्रालस दूर हटाने के लिए क्या करना चाहते हैं ?
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- कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से की है। वसंत ऋतु की तरह उनके जीवन में भी उत्साह, प्रेरणा और नव-जीवन का संचार हो रहा है। ... कवि ने अपने जीवन की तुलना वसंत ऋतु से इसलिए की है क्योंकि कवि अपनी बातों से युवा वर्ग के भीतर एक उत्साह का संचार करना चाहता है और उनको भविष्य के निर्माण में लगाना चाहता है।
- 'नवजीवन का अमृत' से अर्थ है कि कवि ने अपने उत्साह के माध्यम से फूलों, पत्तियों व कलियों में नवजीवन की कल्पना की है अर्थात् वह फूलों की उनींदी आँखों से आलस्य हटाकर उन्हें चुस्त व जागरूक करना चाहता है अर्थात् अपने-आपको प्रत्येक कार्य हेतु सक्रिय बनाना चाहता है।
- कवि को ऐसा विश्वास इसलिए है क्योंकि अभी उसके मन में नया जोश व उमंग है। अभी उसे काफ़ी नवीन कार्य करने है। वह युवा पीढ़ी को आलस्य की दशा से उबारना चाहते हैं
- कवि अपने हाथों के सुधा स्पर्श से पुष्पों की नींद व आलस्य मिटाकर उन्हैं चुस्त, प्राणवान, आभामय व पुष्पित करना चाहता है। ऐसा करने का उसका उद्देश्य है कि धरा पर जरा भी आलस्य, प्रमाद, निराशा व मायूसी का निशान तक न रहे।
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