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2. कैलाश को मृणालिनी की झेंपी हुई सूरत देखकर मालूम हुआ कि इस वक्त उसका इनकार वास्तव में उसे बुरा लगा है। ज्यों ही प्रीतिभोज समाप्त हुआ और गाना शुरू हुआ, उसने मृणालिनी और अन्य मित्रों को साँपों के दरबे के सामने ले जाकर महुअर बजाना शुरू किया। फिर एक-एक खाना खोलकर एक-एक साँप को निकालने लगा। वाह! क्या कमाल था। ऐसा जान पड़ता था कि ये कीड़े उसकी एक-एक बात, उसके मन का एक-एक भाव समझते हैं।
किसी को उठा लिया, किसी को गरदन में डाल लिया, किसी को हाथ में लपेट लिया। मृणालिनी बार-बार मना करती कि इन्हें गरदन में न डालो, दूर ही से दिखा दो। बस जरा नचा दो। कैलाश की गरदन में साँपों को लिपटते देखकर उसकी जान निकली जाती थी। पछता रही थी कि मैंने व्यर्थ ही इनसे साँप दिखाने को कहा मगर कैलाश एक न सुनता था। प्रेमिका के सम्मुख अपने सर्प-कला-प्रदर्शन को ऐसा अवसर पाकर वह कब चूकता! एक मित्र ने टीका की – “दाँत-तोड़ डाले होंगे।”
प्रश्नः 1.
मृणालिनी के उदास होने का कारण क्या था?
प्रश्नः 2.
कैलाश ने मृणालिनी की उदासी दूर करने का प्रयास कब किया?
प्रश्नः 3.
हर साँप कैलाश की बात मानता है। यह कैसे पता चलता है ?
प्रश्नः 4.
मृणालिनी को अब किस बात का पछतावा हो रहा था और क्यों?
प्रश्नः 5.
कैलाश किस अवसर को नहीं चूकना चाहता था और क्यों?
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☯ANswer :
(क) मृणालिनी के उदास होने का कारण क्या था?
➟ मृणालिनी के उदास होने का कारण था-कैलाश द्वारा साँपों को दिखाने से इनकार करना।
(ख) कैलाश ने मृणालिनी की उदासी दूर करने का प्रयास कब किया?
➟ कैलाश ने मृणालिनी प्रीतिभोज समाप्त होने के बाद गाना शुरू होते ही मृणालिनी की उदासी दूर करने का प्रयास किया।
(ग) हर साँप कैलाश की बात मानता है। यह कैसे पता चलता है ?
➟ कैलाश ने साँपों के दरबे के आगे महुअर बजाकर साँपों को निकाला, फिर किसी एक साँप को हाथ में लपेट लिया तो किसी को गले में डाल लिया और साँप बिना विरोध उसकी बात मानते जा रहे थे।
(घ) मृणालिनी को अब किस बात का पछतावा हो रहा था और क्यों?
➟ मृणालिनी के कहने पर ही कैलाश साँपों को दिखाते-दिखाते अपने गले में डालने लगा था। यह देख उसे साँप दिखाने के लिए कहने पर पछतावा हो रहा था। इससे कैलाश के प्राण संकट में भी पड़ सकते थे।
(च) कैलाश किस अवसर को नहीं चूकना चाहता था और क्यों?
➟ मृणालिनी कैलाश को प्रेमिका थी। वह उसके सामने साँपों के प्रदर्शन का अवसर नहीं चूकना चाहता था। ऐसा करके वह मृणालिनी को प्रभावित एवं खुश करना चाहता था।
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Explanation:
प्रश्नः 1.
मृणालिनी के उदास होने का कारण क्या था?
उत्तरः
मृणालिनी के उदास होने का कारण था-कैलाश द्वारा साँपों को दिखाने से इनकार करना।
प्रश्नः 2.
कैलाश ने मृणालिनी की उदासी दूर करने का प्रयास कब किया?
उत्तरः
कैलाश ने मृणालिनी प्रीतिभोज समाप्त होने के बाद गाना शुरू होते ही मृणालिनी की उदासी दूर करने का प्रयास किया।
प्रश्नः 3.
हर साँप कैलाश की बात मानता है। यह कैसे पता चलता है ?
उत्तरः
कैलाश ने साँपों के दरबे के आगे महुअर बजाकर साँपों को निकाला, फिर किसी एक साँप को हाथ में लपेट लिया तो किसी को गले में डाल लिया और साँप बिना विरोध उसकी बात मानते जा रहे थे।
प्रश्नः 4.
मृणालिनी को अब किस बात का पछतावा हो रहा था और क्यों?
उत्तरः
मृणालिनी के कहने पर ही कैलाश साँपों को दिखाते-दिखाते अपने गले में डालने लगा था। यह देख उसे साँप दिखाने के लिए कहने पर पछतावा हो रहा था। इससे कैलाश के प्राण संकट में भी पड़ सकते थे।
प्रश्नः 5.
कैलाश किस अवसर को नहीं चूकना चाहता था और क्यों?
उत्तरः
मृणालिनी कैलाश को प्रेमिका थी। वह उसके सामने साँपों के प्रदर्शन का अवसर नहीं चूकना चाहता था। ऐसा करके वह मृणालिनी को प्रभावित एवं खुश करना चाहता था।