History, asked by madhrigupta240790, 3 days ago

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आपको क्या यह समझ आया नहीं आया तो बताइएगा मैं अगले Question में जवाब दे दूंगी ​

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Answered by Anonymous
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hi good afternoon have a good day

Answered by vaibhavdantkale65
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Answer:

ok

Explanation:

परिश्रम जीवन का एक ऐसा मूल मंत्र है जो मनुष्य को प्रगति की राह पर लेजाता है। वास्तविकता और कठोर परिश्रम के माध्यम से ही मनुष्य को जीवन में सफलता प्राप्त होती है। सुनियोजित परिश्रम करके मनुष्य किसी भी उद्देश्य या लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। परिश्रम का महत्व सिर्फ व्यक्तिगत विकास से ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक, सांसारिक और राष्ट्र एवं जाति की उन्नति में भी योगदान देता है। परिश्रम छोटा बड़ा नहीं होता जैसे किसान का परिश्रम किसी वैज्ञानिक के परिश्रम से कम नहीं आँका जा सकता, क्योंकि दोनों का परिश्रम अतुल्य है। दोनों देश और अपनी उन्नति में सहायक सिद्ध होते हैं। जो मनुष्य जीवन निर्माण में परिश्रम की भूमिका को भली-भांति समझते हैं वह दूसरों से अधिक सबल सिद्ध होते हैं। नगरों, देश और दुनिया में लगातार होता विकास मनुष्य के अथक परिश्रम का प्रतीक है। जो मनुष्य परिश्रमी होते हैं वह दूसरों से कहीं आगे निकल जाते हैं वह अपने क्षेत्र में नाम कमा देश में ही नहीं बलिक विश्व भर में ख्याति प्राप्त करते हैं। ऐसे मनुष्य चिंतामुक्त और हृष्ट-पुष्ट रह कर जीवन के सुखों का उपभोग करते हैं।

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