Hindi, asked by khushi210, 1 year ago

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Answered by vndshukla11p1j0ei
3
I am presenting a poem on animals.
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Here's your answer :
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जिन्दगी जानवर की बदहाल है
पूछता खुद-ब-खुद में सवाल है
आदमी क्यूँ बदल रहा चाल-ढाल है
जगह जानवर की लेने को तैयार है

पहले तो मिल जाती थी जूठन या रोटी दो
अब आदमी चाहता है बस इनकी बोटी हो
फिरते है य़े आवारा कुत्ते बिल्लियाँ
विभिन्न जाति के य़े मवेशियां

भूख इनकी भी होती है तीव्र
पर समझता नहीं इन्हें कोई जीव
अब तो जूठन भी भाग में न आये
भले अन्न निर्जीव डिब्बो में दाल दिए जाए

मासूम य़े भी है कौन य़े समझाए
आदमी हो आमदनी, सबसे वफादारी निभाये
चिंतित है अब पशु समाज कैसे य़े बताये
आदमी को आखिर कैसे दे राय

मुश्किल है मलाल है, न बोलने से हलाल है
बस निकले दम रोज और बिखरे खाल है
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Hope it helps.
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Please mark me as brainliest.
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