Hindi, asked by akshitam, 27 days ago

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Answered by Himanshu202866
8

Answer:

गायत्री मंत्र ‘ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।’ को अत्‍यंत प्रभावी मंत्रों में से एक माना गया है। इस मंत्र का अर्थ होता है क‍ि ‘सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।’ ज्‍योत‍िषशास्‍त्र में इस मंत्र को सही समय और न‍ियमपूर्वक करने के कई फायदे बताए गए हैं।

Explanation:

ज्‍योत‍िषशास्‍त्र में गायत्री मंत्र जप के लिए 3 समय बताए गए हैं। इसमें गायत्री मंत्र के जप का पहला समय सुबह का है। सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र जप शुरू किया जाना चाहिए। जप सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए। मंत्र जप का दूसरा समय दोपहर का है। दोपहर में भी इस मंत्र का जप किया जाता है। मंत्र जप का तीसरा समय है शाम को सूर्यास्त से कुछ देर पहले का है। सूर्यास्त से पहले मंत्र जप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना चाहिए।

Answered by harshitsaroj123
7

Answer:

गायत्री मंत्र को वेदों में बड़ा ही चमत्कारिक और फायदेमंद बताया गया है. गायत्री मंत्र के विश्वामित्र ऋषि हैं तथा देवता सविता है. ... गायत्री मंत्र का अर्थ (उस प्राणस्वरूप दुखनाशक सुखस्वरूप श्रेष्ठ तेजस्वी पापनाशक देवस्वरूप परमात्मा को हम अंतःकरण में धारण करें वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें).

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