Hindi, asked by nencydave16, 2 months ago

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Answered by choudharybl99
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  1. आज भी नारी का स्थान द्वितीय कोटि के नागरिक जैसा ही है ।
  2. स्त्री -जाती का शोषण, दहेज की मांग, दहेज न मिलने पर स्त्री को जला देने के उपक्रम आदि स्त्री -पुरुष समानता की कलई खोल रहे हैं ।
  3. समाज में आज भी पुत्री के जन्म पर लोग दुखी होते हैं ।
  4. नारी में जागरुकता का अभाव, अशिक्षा, हीनतर सामाजिक स्थिति ही उसकी दुर्दशा के मूल कारण है ।
  5. "नारी की दुर्दशा"
Answered by swarashah0404
1

Answer:

It is your answer..

Hope it's help you..

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