Social Sciences, asked by anushkasinghkushwah, 3 months ago

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Answered by sunilratnakar1970
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Answer:

लेकिन इसके लिए सरकारों को सार्वजनिक परिवहन की स्थिति बेहतर करनी होगी. कोरोना वायरस की महामारी ने ना जाने कितनों से उनके अपनों को हमेशा के लिए जुदा कर दिया है. हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर इसका बहुत नकारात्म प्रभाव पड़ रहा है. ना जाने कितनों का रोज़गार ख़त्म हुआ है

Answered by skprincktr
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Answer:

कोरोना महामारी के चलते जिस तरीके से भारत तथा विश्व के अधिकांश देशों में पूर्ण लॉकडाउन नीति अपनाई गई है, उससे ना केवल भारत को बल्कि विश्व के हर देश को इसकी आर्थिक एवं सामाजिक कीमत चुकानी पड़ेगी।

महामारी का प्रथम प्रभाव

इस क्रम में इस महामारी का पहला और सबसे गंभीर प्रभाव तो उन परिवारों पर ही पड़ेगा जिनके सदस्य इस बीमारी के चलते मृत हो गए हैं।

वे अगर परिवार के मुखिया थे तो ऐसे में परिवार संभालने की ज़िम्मेदारी, बच्चों का वर्तमान एवं भविष्य सब अनिश्चित हो जाएगा। चूंकि इस महामारी से मरने वालों की संख्या हज़ारो में है। अतः इसका व्यापक असर उन देश के समाज पर भी देखने को मिलेगा।

महामारी का द्वितीय प्रभाव

महामारी का दूसरा सामाजिक प्रभाव ‘नस्लभेदी प्रभाव’ का उत्पन्न होना है। जैसा कि हमें मालूम है इस बीमारी की शुरुआत चीन से हुई है इसलिए चीनी नागरिकों को आगामी कुछ वर्षो तक इस महामारी के चलते जाना-पहचाना जा सकता है।

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