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भारतीय समाज में लड़कियों को वर्तमान में भी लड़कों से कम आका जाता है जबकि आज के समय में उन्नति का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं जहाँ लड़कियों ने लड़कों से में लड़कियाँ समाज कम स्थान में एक बड़ा दर्शाया हो राजनीति , लड़कों से आगे कदम रखती हैं । अभी भी ग्रामीण क्षेत्र एवं कई पिछड़े क्षेत्र ऐसे हैं जो लड़कियों की बीड़ा उठाया है कि वर्ग ऐसा है जो शिक्षा को बेटी बचाओ अर्थात ' भ्रूण हत्या ' पर रोक लगाई जाए और बेटी को पड़ाकर मुफ़्त शिक्षा की व्यवस्था की गई है । आवश्यकता है लोगों में जारूकता लाने की लड़कियों को उनका शिक्षा , विज्ञान , खेलकूद आदि सभी क्षेत्रान लड़कियों को प्रोत्साहित करने लगा है लेकिन नजरअंदाज करते हैं । सरकार ने इस बात का सक्षम बनाया जाए इस हेतु अधिकार दिलाने को यह कार्य सरकार के कितनी हो लड़कियों है । हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एक पढ़ी - लिखी लड़की पूरे परिवार को पढ़ाने में सक्षम हो सकती साथ - साथ समाज सेवी संस्थाएँ एवं युवा वर्ग भी करें तो हम गाँवों के लोगों को सचेत करके न जाने का भविष्य सुधार सकते हैं । आज भी ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जहाँ के लोग सरकारी सुविधाओं से ही अपरिचित है । यदि भारतीय समाज पूर्ण रूप से शिक्षित हो जाए तो वह दिन दूर नहीं कि विश्व में हमारा परचम लहराए ।
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Explanation:
बेटियां अनमोल होती हैं और कुछ अभिभावकों को इसका एहसास होने में बहुत समय लगता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का प्रयास है कि जिस तरह से हमारा समाज बालिकाओं को देखता है, उसमें एक परिवर्तनकारी बदलाव लाया जाए।
पूरे भारत में कई लोग सम्मानित पीएम के इस इशारे से हिल गए हैं और अभियान का समर्थन कर रहे हैं। श्री मोदी ने माता-पिता से बेटियों के साथ अपनी सेल्फी साझा करने का भी आग्रह किया और यह पहल जल्द ही दुनिया भर में लोकप्रिय हो गई। पूरे भारत और दुनिया भर के लोगों ने बेटियों के साथ अपनी सेल्फी क्लिक की हुई तस्वीरें साझा कीं और यह उन सभी माता-पिता के लिए गर्व की घटना बन गई जिनकी बेटियां हैं।