Hindi, asked by Anonymous, 8 months ago

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Answered by ishwarchandpandey197
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Explanation:

जैन धर्म में आत्मशुद्धि के लिए क्षमावणी पर्व मनाया जाता है जिसके के अनुसार आत्म शुद्धि के लिए सांसारिक भोगों से विरत होना आवश्यक है। लोभ बंधनों का बहुत बड़ा कारण है। आत्म शुद्धि के लिए लोभ वृत्ति का संयमन जरूरी है। जैन शास्त्रों में इसे उत्तम शौच कहा गया है और इसे आत्मा का स्वभाव माना गया है।

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Answered by Anonymous
25

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आत्मशुद्धि के लिए लेख लिखने के मुख्य दो कारण थे :-

  • गांधीजी के भतीजे से कोठार के हिसाब मे गड़बड़ी हुई थी ।

  • कस्तूरबा जी को उपहार मे जो रूपय मिले थे उसे उन्होंने आश्रम के दफ्तर मे जमा नही किया था ।

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