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Answers
Explanation:
1, भरत ने यह सपना सपना देखा कि समुद्र सूख गए हैं चंद्रमा धरती पर गिर पड़े हैं वृक्ष सूख गए हैं एक राक्षसी पिता को खींचकर ले जा रही है वह रथ पर बैठे थे रथ गधे खींच रहे थे
2,उन्होंने पिता का संदेश मिलने के बाद वह जल्द ही तैयार होकर तत्काल अयोध्या जाने के लिए तैयार हो गए ,
3, भरत नगरी को दूर से देखा नगर उन्हें सामान्य नहीं लगा बदला बदला सा था ,
4, भाई सबसे पहले महाराज दशरथ के प्रसाद की ओर गए पर वहां महाराज नहीं थे फिर वह कैकई के महल की ओर बढ़े ,
5,उनकी कैकई माता ने उन्हें बताया कि उनके पिता का निधन हो गया है यह भारत यह सुनते ही शोक में डूब कर a50 खाकर गिर गए विलाप करने लगे मां के कहीं ने उन्हें उठाया दार सा बधाइयां कहां उठो पुत्र यह चाबी कुमार शौक नहीं करते तुम्हारे इस प्रकार दुखी होना उचित नहीं है राजगुरु के विरुद्ध के लिए है
6,भरत ना क्रोध रोक ना सके चीख पड़े यह तुमने क्या किया माते ऐसा अनंत घोर अपराध अपराध नहीं हो तुम वक्त में जाना चाहिए था राम को नहीं मेरे लिए यह राज आदि अधीन है पिता को खो कर भाई से बिछड़ कर नहीं चाहिए राज्य ,
7,भरत की रानी कौशल्या क्षमा मांगी रानी के कई के व्यवहार पर गली व्यक्त की कहा राम मेरे प्रिय अग्रज है मैं उनका अतीत सोच भी नहीं सकता मैं निरपराध हूं कौशल्या ने भारत को जमा कर दिया ,
8,मुनि वशिष्ट अयोध्या का राज सिंहासन रिक्त नहीं देखना चाहते खाली सिंहासन के खतरों से व परिचित थे उन्होंने सभा बुलाई भरत और शत्रुघ्न को आमंत्रित किया भारत से कहा बस तुम रात का समा लो पिता के निधन और बड़े भाई के वन गमन के बाद यही उचित है
9,महा ऋषि भरद्वाज का आश्रम चित्रकूट में था गंगा यमुना के संगम पर ,
10,राजमद ने नावे जुड़ाई
11,भरत देखा कि विराट सेना चली आ रही है सेना का ध्वज जाना पहचाना था अयोध्या किस सेना थी उत्तर की ओर से आगे बढ़ रहे थे लक्ष्मण ने पेड़ से खींची कर कहा भैया भारत सेना के साथ इधर आ रहे हैं लगता है वह में मार डालना चाहते हैं ताकि एकछत्र राज्य कर सके
12,उन्होंने कहा कि भारत हम पर हमला नहीं करेगा कभी नहीं वह हम लोग से भेंट करने आया होगा
13,राम ने यह कहा चाहे चमक चमक छोड़ दे सूर्य पानी की तरह ठंडा हो जाए हिमालय शीतल ना रहे समुद्र की मर्यादा भंग हो जाए परंतु मैं पिता की आज्ञा के विराट नहीं हो सकता मैं अपनी मैं उन्हीं की आज्ञा से बनाया हूं
14,भारत में राम की चरण पादुका यह कहकर मांगी है पादुका है राम की धरोहर है मैं इनकी रक्षा करूंगा इनकी गरिमा को आंच नहीं आने दूंगा
15,महाभारत अयोध्या में कभी नहीं रुके अवश्य के वस्त्र पहने लगे और नंदीग्राम चले गए और फिर उन्होंने राज्य का संचालन किया