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1.सर्वनाम उन शब्दों को कहा जाता है, जिन शब्दों का प्रयोग संज्ञा अर्थात किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि के नाम के स्थान पर करते हैं। इसके अंतर्गत मैं, तुम, तुम्हारा, आप, आपका, इस, उस, यह, वह, हम, हमारा आदि शब्द आते हैं।
पुरूषवाचक - मैं, तू, वह, हम, मैंने
निजवाचक - आप
निश्चयवाचक - 'यह, वह
अनिश्चयवाचक - कोई, कुछ
संबंधवाचक - जो, सो
प्रश्नवाचक - कौन, क्या
2.पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं - 1. उत्तम पुरुष , 2. मध्यम पुरुष 3. अन्य पुरुष।
उत्तम पुरुष-
- मैं जयपुर जा रहा हूँ।
- मैं दिन में तीन बार खाना खाता हूँ।
- मेरे बहुत सारे दोस्त हैं। मुझे स्कूल जाना पसंद है।
मध्यम पुरुष-
- तुम मुझे पसंद हो।
- तुमको किसी दूसरी जगह जाना चाहिए।
- जो मैंने तुझे कहा था वही करना है।
- तू बोलता है तो ठीक ही होगा
अन्य पुरुष-
- वह फुटबॉल बहुत अच्छा खेलता है।
- : मैंने आपको बताया था वह पढाई में नहुत तेज़ है। वह अमेरिका जाने के सपने देख रहा है
- वह बहुत अच्छी चित्रकारी करती है।
3. निश्चयवाचक सर्वनाम- इस सर्वनाम के अंतर्गत ‘यह’ और ‘वह’ आते हैं। ‘यह‘ निकट के लिए आता है। ‘वह‘ दूर के लिए प्रयुक्त होता है। यानी, जिस सर्वनाम से वक्ता के पास या दूर की किसी वस्तु के निश्र्चय का बोध होता है, उसे ‘निश्र्चयवाचक सर्वनाम’ कहते हैं।
सरल शब्दों में- जो सर्वनाम शब्द किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना की ओर संकेत करे, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे- यह, वह, ये, वे आदि।
उदाहरण- वह एक बार फिर दौड़ प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहा।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम- कोई‘ , ‘कुछ‘ सर्वनाम शब्दों में किसी घटना या किसी के होने की प्रतीति हो रही है। किंतु वास्तविकता निश्चित नहीं हो रही है। अतः यह अनिश्चयवाचक है।
उदाहरण- कोई आ रहा है।
आ रहा है।दरवाजे पर कोई खडा है।
आ रहा है।दरवाजे पर कोई खडा है।स्वाद में कुछ कमी है।