Hindi, asked by theshaikharshad5331, 5 months ago

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स्वामी विवेकानंद द्वारा लिखित भगवान बुद्ध निबंध के आधार पर स्पष्ट कीजिए भगवान बुद्ध का

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Answered by jkbihari337
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Answered by HEARTLESSBANDI
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साधक-अवस्था से ही स्वामी विवेकानन्द भगवान् बुद्धि के लोकोत्तर व्यक्तित्व के प्रति अत्यन्त आकर्षण अनुभव करते थे। इस आकर्षण से प्रेरित हो श्रीरामकृष्णदेव के विद्यमान रहते ही वे अल्प समय के लिए बोधगया को आये थे तथा वहाँ पर उन्होंने गम्भीर ध्यानावस्था में भगवान् बुद्ध के दिव्य अस्तित्व का जीता-जागता अनुभव आया था।

बौद्ध धर्म का विश्व भर में स्थापना और प्रचार-प्रसार उनके और उनके अनुयायियों के अथक प्रयासों से हुआ। ऐसा माना जाता है कि उनका जन्म छठी शताब्दी 563 ईसा पूर्व में नेपाली तराई के लुम्बिनी में हुआ था। बुद्ध बनने से पहले, उन्हें सिद्धार्थ कहा जाता था। उनके पिता का नाम शुद्दोधन था, जो कपिलवस्तु राज्य के शासक थे।

स्वामी जी ने अपने व्याख्यानों में हमेशा इस बात पर जोर दिया कि भगवान श्रीकृष्ण के बाद बुद्ध ही हैं जो वास्तव में कर्मयोगी हैं। वे भारत के लोगों को बुद्ध की तरह कर्मयोगी बनाना चाहते थे, इसलिए बार-बार इस बात पर बल देते रहे कि हमें बुद्ध की तरह ही बनना चाहिए।

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