Hindi, asked by Thunder442, 1 month ago

Anuchchhed lekhan of swasthya sharir avashyak tatva

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Answered by anjanap37978
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Answer:

स्वस्थ शरीर और मन हमारे शरीर की भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। हमें बिना परेशानी के जीवन जीने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्थिर और स्वस्थ होना चाहिए।  स्वस्थ रहना आपकी समग्र जीवन शैली का हिस्सा होना चाहिए। एक स्वस्थ जीवन शैली जीने से पुरानी बीमारियों और दीर्घकालिक बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है। अपने बारे में अच्छा महसूस करना और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना आपके आत्म-सम्मान और आत्म-छवि के लिए महत्वपूर्ण है। जो आपके शरीर के लिए सही है उसे करके एक स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें।  स्वास्थ्य समस्याएं दैनिक कार्यों को अधिक चुनौतीपूर्ण बना सकती हैं, वित्तीय तनाव पैदा कर सकती हैं, और यहां तक ​​कि जीविकोपार्जन की आपकी क्षमता को भी खतरे में डाल सकती हैं। तनाव से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आम सर्दी से और अधिक गंभीर स्थितियों और बीमारियों को बढ़ा सकती हैं, 1 इसलिए स्वस्थ आदतों को बनाए रखना लंबे समय में भुगतान कर सकता है। स्वास्थ्य, मनुष्यों में, किसी व्यक्ति की निरंतर शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक क्षमता के साथ उसका या उसके पर्यावरण का सामना करने की क्षमता। इस प्रकार यह हमारे आप को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

Answered by garvgarg85
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Answer:

दुनिया में स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ भी नहीं होता और शरीर अगर स्वस्थ हो तो सब कुछ अच्छा लगता है, दिल को सुकून मिलता है लेकिन अगर हम थोड़ा भी बीमार पड़ते हैं तो सारी दुनिया अधूरी सी लगने लगती है। इसलिए स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन भी कहा गया है लेकिन वर्तमान परिवेश और हमारी जीवन-शैली ने लोगों को अस्वस्थ होने पर मजबूर कर दिया है। क्या इस अस्वस्थता के लिए हमारे द्वारा निर्मित दूषित परिवेश और जीवन-शैली सर्वाधिक जिम्मेदार नहीं है?

हम अपने परिवेश को इतना दूषित करते जा रहे हैं कि जीना दूभर होता जा रहा है और नयी-नयी बीमारियों का जन्म हो रहा है जिससे रोगियों की संख्या में साल-दर-साल बेतहाशा वृद्धि हो रही है। ऐसा कोई तत्व बाकी नहीं रहा जो प्रदूषित होने से बचा हो चाहे वायु, जल, भूमि, प्रदूषण हो या फिर अन्य। प्रदूषण एक ऐसा कारक है जो सबसे ज्यादा लोगोंको बीमार कर रहा है और लगभग सभी बीमारियों में कारक के रूप में इसके वर्चस्व को इंकार नहीं किया जा सकता। अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार, 21 लाख लोग दुनियाभर में हर साल प्रदूषण की वजह से मृत्यु की गोद में समा जाते हैं। प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ गया है कि संयुक्त राश्ट्र के इन्टर गर्वन्मेंटल पैनल आॅन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की रिपोर्ट में दावा किया गया कि खतरा तो बढ़ चुका है लेकिन स्थिति अभी नियंत्रण से बाहर नहीं है। खतरा कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले 95 फीसदी वैज्ञानिक इस बात से सहमत थे कि जलवायु परिवर्तन के लिए हमारी गतिविधियां ही जिम्मेदार है।

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