Hindi, asked by bittusingh73457, 9 months ago

anuchchhed likhen Parishram safalta Ki Kunji Hai​

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Answered by s12866
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करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान। विषय पर अनुच्छेद

करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान ।

रसरी आवत-जात के, सिल पर परत निशान ।।

यह दोहा कविवर वृंद के द्वारा लिखा गया है |  

बार-बार अभ्यास करने से हमें सफलता जरुर मिलती है | जिस प्रकार बार-बार रस्सी के आने जाने से कठोर पत्थर पर भी निशान पड़ जाते हैं, उसी प्रकार बार-बार अभ्यास करने पर मूर्ख व्यक्ति भी एक दिन कुशलता प्राप्त कर लेता है।

दोहे की पंक्ति में निरंतर परिश्रम का महत्व के बारे बताया गया है| हमें सफलता पाने के लिए बार-बार अभ्यास करते रहना चाहिए | हमें मेहनत का फल एक दिन जरूर मिलता है | हमें अभ्यास करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए | जीवन में मेहनत करने से हम लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है | हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए | हमें असफलता से अपनी गलती सीखनी चाहिए और सफलता के लिए बार-बार अभ्यास करना चाहिए |

MARK ME AS BRAINLIST PLEASE.

HOPE IT HELPS YOU.

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