anuched in hindi meri nani maa
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Explanation:
अपने घर के यह बुजुर्ग किसको अच्छे नहीं लगते हैं, इन्हीं से तो हमारे घरों की शोभा बढ़ती है, घरों में रौनक आती है। इन्हीं लोगों के आशीर्वाद से हमारे घर में सुख समृद्धि शांति रहती है। बड़ों की दी हुई दुआ से ही बिगड़े काम सँवर जाते हैं, जीवन जीवंत लगता है।
हम भारत देश में रहते हैं और हम सभी यह जानते हैं कि अपने इस खूबसूरत देश में हम कैसे रिश्तो को संजो कर रखते हैं। रिश्तो का बहुत मान रखते हैं और हमारे देश की संस्कृति यही कहती है।
सिखाती है कि रिश्तो को जोड़ कर रखने में, उनकी इज्जत करने में ही भलाई है। इसी में प्रेम एवं स्नेह झलकता है, रिश्तो के अटूट बंधन से ही हमारी दुनिया बंधी रहती है।
सोचिए अगर मनुष्य बिल्कुल अकेला हो, घर-परिवार ना हो बड़े बुजुर्ग ना हो सगे संबंधी ना हो कोई दुख सुख पूछने वाला ना हो तो, क्या मनुष्य जी पाएगा? जीवन कितना रंगहीन होगा, सोचिए जरा ! बस इसी कारणवश हमारे भारत में मान्यता है प्रथा है रिश्तो को सँवार कर रखने की।
चाहे कोई भी रिश्ता हो, मां बाप बेटे बेटी भाई बहन दादा दादी नाना
नानी, सभी के बीच, सभी के साथ प्रेम स्नेह का संबंध रहता है और अगर हम बात करें दादा दादी नाना नानी मतलब बड़े बुजुर्गों की, तो उनसे तो हमें कितना प्रेम मिलता है इसका तो हम मोल भी नहीं लगा सकते हैं, ना ही इनका प्रेम सीमित होता है। बड़े बुजुर्ग हमेशा बिना किसी बंधन में बंध कर प्यार लुटाते हैं, बुजुर्गों की दृष्टि हमेशा आशीर्वाद वाली ही रहती है।
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