anuched lekhan abot svadesh prem
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HI MATE,
HERE IS YOUR ANSWER,
स्वदेश का अर्थ है अपना देश अर्थात अपनी मातृभूमि | यह वह स्थान होता है जहाँ हम पैदा होते है, पलते है और बड़े होते है | जननी तथा जन्मभूमि की महिमा का स्वर्ग से बढकर बताया गया है | जिस देश में हम जन्म लेते है तथा वहाँ का अन्न, जल, फल, फूल आदि खाकर हम बड़े होते है उसके ऋण से हम उऋण नही हो सकते है | मातृभूमि के महत्त्व को संस्कृति की इस कहावत में वर्णित किया है – ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ अर्थात जन्म देकर पालन-पोषण करने तथा प्रत्येक आवश्यक वस्तु प्रदान करने वाली मातृभूमि का महत्त्व तो स्वर्ग से भी बढ़ कर है | यही कारण है कि स्वदेश से दूर जाकर मनुष्य तो क्या पशु-पक्षी भी एक प्रकार की उदासी व रुग्णता (Home sickness) का अनुभव करने लगते है |
HOPE IT WILL HELP,
PLZ MARK IT AS BRAINLINIST....
Answer:
I LOVE INDIA .........
Explanation:
UR COMMENT BOX IS SO SMALL TO EXPRESS OIR OR MY THOUGHTS ABOUT INDIA SO ......
I LOVE INDIA