Hindi, asked by chotu3779, 1 year ago

anuched lekhan on Aakash ki unchai ko Chhota Mano​

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Answered by shishir303
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इस प्रश्न में कुछ गलती है सही प्रश्न इस प्रकार होगा...

आकाश की ऊंचाई को छूता मानव

मानव आकाश की ऊंचाई को आज मानव छूता जा रहा है। इसका तात्पर्य यह कि मानव ने अपनी बुद्धि के बल पर असंभव कार्यों को भी संभव कर दिखाया है। आज मानव ने अपनी बुद्धि प्रयोग द्वारा विज्ञान में ऐसे अनोखे अनोखे आविष्कार किए हैं जिससे उसके लिए कठिन से कठिन कार्य भी आसान हो गए हैं। जहां कभी पहले कभी मानव का पहुंचना संभव नहीं था वहां भी आप आज मानव पहुंचने लगा है। संसार में चारों तरफ आसमान को छूती ऊंची-ऊंची इमारतें मानव की महत्वाकांक्षा और प्रगति का सूचक हैं। मानव आज अंतरिक्ष की सीमाओं को लांघ कर सुदूर ग्रहों पर जाने की तैयारी कर रहा है। वो चांद, मंगल जैसे ग्रहों पर अपनी उपस्थित दर्ज करा चुका है तो अन्य ग्रहों पर भी अपने कदम रखने के लिए आतुर है। ब्रह्माण्ड के अनेक रहस्य आज मावन के लिये अनसुलझे नही रहे। मानव ने विज्ञान की सहायता से ऐसे अनोखे अनोखे आविष्कार किए हैं जिससे कई कठिन कार्य बेहद आसान गए हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में, तकनीक के क्षेत्र में और जीवन के अन्य अनेक महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मानव विकास की नई-नई ऊंचाइयों को छू रहा है इसलिए कह सकते हैं कि आकाश की ऊंचाई को आज मानव निरंतर छूता जा रहा है और कोई भी कार्य उसकी पहुंच से बाहर नहीं है।

Answered by vijayvs918
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Answer:

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