Hindi, asked by hre, 1 year ago

anuched lekhan on pustak mela

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Answered by DakshP
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पुस्तकें अनमोल हैं । वे हमारी सबसे अच्छी मित्र हैं क्योंकि वे ज्ञान-विज्ञान की भंडार हैं । व्यक्ति आते हैं और चले जाते हैं परन्तु उनके श्रेष्ठ विचार, ज्ञान, उपदेश, संस्कृति, सभ्यता, मानवीय मूल्य पुस्तकों के रूप में जीवित रहते हैं ।

उनका विनाश नहीं होता । वे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को प्राप्त होते रहते हैं । उदाहरण के लिए हमारे वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत, हमारा इतिहास सभी आज जीवित हैं, हमारे पास हैं । ये सभी ग्रंथ हजारों साल पहले रचे गये थे, परन्तु आज भी वे हमें प्रकाश और प्रेरणा दे रहे हैं ।

आज गांधीजी भौतिक रूप में हमारे सामने नहीं है, परन्तु उनका इतना श्रेष्ठ साहित्य हमारे साथ है । वह सतत् हमारा मार्गदर्शन करता रहता है । आज के इस युग में जहां जीवन-मूल्यों का ह्रास हो रहा है, चारों और नैतिक और सांस्कृतिक संकट के बादल छाये हुए हैं, सत् साहित्य का महत्व और भी बढ़ जाता है ।

ऐसे समय पर यह जरूरी हो जाता है कि हम पुस्तकों का प्रचार-प्रसार बढ़ायें, उनके अध्ययन में रूचि लें और उनसे अधिकाधिक लाभ उठायें । अच्छी पुस्तकों को अध्ययन का तात्पर्य है श्रेष्ठ व्यक्तियों और उनके विंचारों को जानना-समझना, उनसे घनिष्ठ मित्रता स्थापित करना । उनसे अच्छा मित्र और कोई नहीं ।

पुस्तक मेले हमारे लिए वरदान हैं । ये पाठकों और लेखकों के संगम होते हैं । यहां पर सभी विषयों पर सभी प्रकार की पुस्तकें सरलता से मिल जाती हैं । पाठक अपनी रुचि, योग्यता और आवश्यकता के अनुसार पुस्तकों का चुनाव कर सकता हैं । वह पुस्तकों के पृष्ठ उलट-पुलट कर उनकी गुणवत्ता, विषयसूची, विवरण आदि को देख-पढ़ सकता है ।

विषय, मूल्य आदि की विविधता चुनाव को और भी सरल सहज और सरस बना देती है । इसके अतिरिक्त एक पाठक दूसरे पाठक से विचारों का आदान-प्रदान कर सकता है, पुस्तक विक्रेताओं से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है । इन मेलों में पुस्तकों पर चर्चाएं और गोष्ठियां होती हैं । ये सभी पाठकों के लिए बहुत लाभदायक रहती हैं ।

उन दिनों इंडिया गेट पर एक बहुत बड़ा पुस्तक मेला लगा हुआ था । दिल्ली के अतिरिक्त बाहर के अनेक पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक वहां आये हुए थे । स्टालों पर पुस्तकें बड़े आकर्षक ढंग से सजी हुई थीं । इतिहास, भूगोल, ज्ञान-विज्ञान, साहित्य, यात्रा, धर्म, भाषा, जीवन-वृत्त आदि सभी विषयों पर पुस्तकें थीं ।

देश की लगभग सभी प्रमुख भाषाओं की पुस्तकें वहां थीं । लेकिन हिन्दी और अंग्रेजी की पुस्तकें सबसे ज्यादा थीं । पत्र-पत्रिकाएं भी थीं । अनेक स्कूलों के विद्यार्थी वहां आये हुए थे । माता-पिता और दूसरे लोग भी वहां बड़ी संख्या में उपस्थित थे । बच्चे पुस्तकें खरीदने में व्यस्त थे या उनको देख-पढ़ रहे थे । कुछ लोग गृप्स में पुस्तकों पर चर्चा कर रहे थे । सभी बड़े व्यस्त थे ।

चारों ओर वातावरण बड़ा मनोरम था । सभी स्तर और रुचि के लोगों के लिए वहां यथेष्ट सामग्री थी । कई पुस्तक-विक्रेता नये वर्ष का कलेंडर, डायरी आदि पुस्तकों के साथ उपहार में दे रहे थे । मैंने वहां पर 3-4 घंटे बिताये । बीच में एक स्टाल पर चाय पी और कुछ मीठा-नमकीन खाया ।

मैंने कई पुस्तक सूचियां और प्रकाशकों के पते आदि एकत्रित किये । मेरे पिताजी को पढ़ने का बड़ा शौक है । उनका अपना एक पुस्तकालय भी है । दिल्ली से बाहर गये हुए थे, इसलिए मेरे साथ नहीं आ पाये । यह सब सामग्री उनके लिए बड़ी उपयोगी थी ।

भविष्य में मेरे लिए भी इनका उपयोग था । मैंने विज्ञान का एक विश्वकोश, प्रेमचन्द की कहानियां और एक अंग्रेजी का शब्दकोश अपने लिए खरीदा । अपनी छोटी बहिन के लिए पंचतंत्र की कहानियों की पुस्तक खरीदी । यह मेला देखना बड़ा सुखद अनुभव रहा जिसे मैं सदैव याद रखूंगा ।

Answered by KrystaCort
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अनुच्छेद-लेखन |

Explanation:

पुस्तकें मनुष्य के जीवन में बहुत अधिक महत्व रखती हैं। पुस्तकों को मनुष्य अपने सबसे अच्छे मित्र मानते हैं क्योंकि यह हर परिस्थिति में मनुष्य का साथ देती हैं। पुस्तकों मैं संकलित ज्ञान से मनुष्य अपने जीवन में सफल व्यक्ति बन पाता है और वह सब हासिल कर पाता है जिसकी वह चाह रखता है।  

पुस्तकों में लिखे अद्भुत ज्ञान से एक व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है और वह बुद्धिजीवी बनता चला जाता है। पुस्तकों से बच्चों को भी बहुत अधिक लाभ होते हैं। उसको से बच्चे ना केवल अपना ज्ञान  बढ़ाते हैं बल्कि वे हास्य कविताएं और उपन्यास पढ़कर अपना मनोरंजन भी करते हैं।

पुस्तकें कभी भी किसी व्यक्ति को कोई गलत मार्ग नहीं दिखाती है वह सदैव मनुष्य को सत्य का साथ देने और सही राह पर चलने की सीख देती हैं। पुस्तकों से अर्जित ज्ञान से हम कई अन्य लोगों को भी पढ़ा सकते हैं और उनके जीवन को सफल बनाने में उनकी सहायता कर सकते हैं।

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