Anuched lekhan on vidyarthi aur anushasan in hindi
Answers
अनुच्छेद-लेखन।
Explanation:
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। अनुशासन शब्द दो शब्दों अनु + शासन से मिलकर बना है जिसका अर्थ है नियमबध आचरण।
विद्यार्थियों के लिए यह अति आवश्यक होता है कि वह अपने नियम व आचरण का अनुसरण करें। अनुशासन हमें बनाए गए नियमों का पालन करना सिखाता है इसीलिए एक विद्यार्थी जब विद्यालय जाता है तो उसे कुछ बनाए गए नियमों का पालन करना चाहिए । अनुशासन के कारण है विद्यार्थी चरित्रवान और कौशलयुक्त बनता है।
विद्यालय में सभी विद्यार्थियों का अनुशासन में रहना विद्यालय के माथे पर चार चांद लगाता है जबकि यदि किसी विद्यालय के विद्यार्थी अनुशासित रूप शिकारी नहीं करते हैं तो वह न केवल विद्यार्थी बल्कि विद्यालय के लिए भी हानिकारक होता है।
विद्यार्थियों के लिए अनुशासन का अधिक महत्व इसलिए है क्योंकि अनुशासन से ही बच्चों को अपने बड़ों का आदर करना, नियमो कसम में पर अनुसरण करना, अपने से छोटों के साथ अच्छा बर्ताव करना आदि शामिल होता है।
अनुशासन के कारण ही आज विद्यार्थी कक्षा में 90 से 100 अंकों के बीच में अंक प्राप्त कर रहे हैं। इसलिए यह दर्शाता है कि यदि कोई व्यक्ति अनुशासन में रहकर कार्य करता है तो वह कार्य अवश्य सफल होता है।
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Answer:
अनुशासन का अर्थ है-आत्मानुशासन अर्थात् स्वतः प्रेरणा से शासित होना। प्रकृति का समस्त कार्य-व्यापार अनुशासन की सूचना देता है। नियमित जीवन जीने का प्रयत्न ही अनुशासन है।
Explanation:
अनुशासन का अर्थ है-आत्मानुशासन अर्थात् स्वतः प्रेरणा से शासित होना। प्रकृति का समस्त कार्य-व्यापार अनुशासन की सूचना देता है। नियमित जीवन जीने का प्रयत्न ही अनुशासन है। अनुशासन किसी वर्ग या आयु विशेष के लोगों के लिए ही नहीं, अपितु सभी के लिए परम आवश्यक होता है। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का विशेष महत्त्व है। जो विद्यार्थी जीवन में उचित अनुशासन में रहकर समय व्यतीत करता है, उसका जीवन-क्रम एक ऐसे व्यवस्थित तथा सफल मार्ग पर चलने का अभ्यस्त हो जाता है कि वह विद्यार्थी जीवन में सफलता और सम्मान तो पाता ही है, भविष्य के लिए मार्ग निर्धारण में भी सफल होता है। अनुशासन विद्यार्थी के जीवन में व्यवस्था का वातावरण बनाता है।
इससे नियमित रूप से कार्य करने की क्षमता का विकास होता है। अनुशासन द्वारा कर्तव्य और अधिकार का समुचित ज्ञान होता है। यह एक ऐसा गुण है जिससे मनुष्य सर्वप्रिय बन जाता है। वास्तव में विद्यार्थियों के लिए अनुशासन एक महत्त्वपूर्ण जीवन-मूल्य है। इसके अभाव में विद्यार्थी का जीवन शून्य बन जाता है। अपने भावी जीवन को आनंदमय बनाने के लिए विद्यार्थियों के लिए यह अति आवश्यक है कि वे अनुशासन में रहें। अनुशासन और सफलता का बड़ा घनिष्ठ संबंध है। जहाँ अनुशासन है, वहीं सफलता है और जहाँ अनुशासनहीनता है, वहाँ असफलता है।
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