Hindi, asked by sidhu5675, 7 months ago

Anuched lekhan
स्वास्थ्य की रक्षा
• आवश्यकता
•पौष्टिक भोजन
•आवश्यक सुझाव​

Answers

Answered by Riddhibatra
42

Answer:

Explanation:

प्रत्येक आयु के स्त्री-पुरुष को नित्य नियमपूर्वक व्यायाम करना आवश्यक है। बालक, युवा, वृद्ध, स्त्री-पुरुष, रोगी तथा निरोगी सभी व्यक्ति व्यायाम करने के अधिकारी हैं। गर्भवती स्त्रियाँ भी व्यायाम कर सकती हैं। विभिन्न परिस्थिति में विभिन्न प्रकार के व्यायाम किए जा सकते हैं। विभिन्न प्रकार के व्यायामों के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए व्यायाम संबंधी श्रेष्ठ साहित्य का अध्ययन करना चाहिए। जो लोग अत्यंत कमजोर तथा रोगी हों, उनके लिए व्यायाम करना वर्जित है।

प्रातःकाल सूर्योदय के पूर्व ही हरी घास पर नंगे पाँव टहलना सर्वोत्तम व्यायाम है। यह सभी आयु के स्त्री-पुरुषों के लिए हितकर है। कुश्ती, दंड-बैठक, मुग्दर घुमाना, दौड़ लगाना, खुली जगह में टहलना, पानी में तैरना तथा फुटबॉल, टेनिस आदि खेलना ये सभी कार्य व्यायाम की श्रेणी में आते हैं। इनमें से अपने लिए जो अनुकूल हो, उसी को नियमित रूप से करना उचित है।

व्यायाम हमेशा स्नान से पूर्व ही करना चाहिए तथा व्यायाम करने के कम से कम आधे घंटे बाद जब शरीर का पसीना सूख जाए तभी स्नान करना उचित है।

भोजन- शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक अथवा अमीरी भोजन की आवश्यकता नहीं होती। सच पूछा जाए तो पौष्टिक तथा अमीरी भोजन गरिष्ठ होता है, जो देर में पचता है तथा शरीर में केवल चर्बी की ही वृद्धि करता है। वास्तविक शक्ति से उसका कोई संबंध नहीं होता।

भोजन वही उत्तम माना गया है जो रुचिकर, हल्का तथा सुपाच्य हो। भोजन को खूब चबा-चबाकर खाना चाहिए। लाल मिर्च, तेल, गुड़, खटाई तथा गरम मसाले स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। अतः इनका कम से कम सेवन करना चाहिए। यदि इनका सेवन बिलकुल ही नकिया जाए तो सर्वोत्तम है।

Answered by ananyagoel20110078
2

Answer:

प्रत्येक आयु के स्त्री-पुरुष को नित्य नियमपूर्वक व्यायाम करना आवश्यक है। बालक, युवा, वृद्ध, स्त्री-पुरुष, रोगी तथा निरोगी सभी व्यक्ति व्यायाम करने के अधिकारी हैं। गर्भवती स्त्रियाँ भी व्यायाम कर सकती हैं। विभिन्न परिस्थिति में विभिन्न प्रकार के व्यायाम किए जा सकते हैं। विभिन्न प्रकार के व्यायामों के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए व्यायाम संबंधी श्रेष्ठ साहित्य का अध्ययन करना चाहिए। जो लोग अत्यंत कमजोर तथा रोगी हों, उनके लिए व्यायाम करना वर्जित है।

प्रातःकाल सूर्योदय के पूर्व ही हरी घास पर नंगे पाँव टहलना सर्वोत्तम व्यायाम है। यह सभी आयु के स्त्री-पुरुषों के लिए हितकर है। कुश्ती, दंड-बैठक, मुग्दर घुमाना, दौड़ लगाना, खुली जगह में टहलना, पानी में तैरना तथा फुटबॉल, टेनिस आदि खेलना ये सभी कार्य व्यायाम की श्रेणी में आते हैं। इनमें से अपने लिए जो अनुकूल हो, उसी को नियमित रूप से करना उचित है।

व्यायाम हमेशा स्नान से पूर्व ही करना चाहिए तथा व्यायाम करने के कम से कम आधे घंटे बाद जब शरीर का पसीना सूख जाए तभी स्नान करना उचित है।

भोजन- शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक अथवा अमीरी भोजन की आवश्यकता नहीं होती। सच पूछा जाए तो पौष्टिक तथा अमीरी भोजन गरिष्ठ होता है, जो देर में पचता है तथा शरीर में केवल चर्बी की ही वृद्धि करता है। वास्तविक शक्ति से उसका कोई संबंध नहीं होता।

भोजन वही उत्तम माना गया है जो रुचिकर, हल्का तथा सुपाच्य हो। भोजन को खूब चबा-चबाकर खाना चाहिए। लाल मिर्च, तेल, गुड़, खटाई तथा गरम मसाले स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। अतः इनका कम से कम सेवन करना चाहिए। यदि इनका सेवन बिलकुल ही नकिया जाए तो सर्वोत्तम है।

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