ANUched lekhin on pustak
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पुस्तक (Book) बचपन से हमारी मित्र होती है। स्कूल की पढाई से लेकर कॉलेज तक किताबों से हमारा मित्रता का रिश्ता होता है। क, ख, ग से लेकर अल्फा बीटा तक कि पढ़ाई हम पुस्तकों के माध्यम से करते है। पुस्तक से हमारे मन का अंधकार दूर होता है। बच्चों को खासकर प्रेरणादायक कहानियों वाली किताबें पढ़नी चाहिए। इससे उनका चरित्र निर्माण होगा और उन्हें ईमानदारी की सीख मिलेगी। बच्चों को देशप्रेम का पाठ पुस्तक के माध्यम से देना भी श्रेस्ठ जरिया है। स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के बारे में जानकारी पुस्तक के जरिये दी जाती है।
पुस्तक स्वाध्ययन का श्रेस्ठ जरिया है। ज्ञान पाने के दो तरीके हिन्दू शास्त्र में बताए गए है। पहला तरीका सत्संग है अर्थात गुरु के सानिध्य में रहकर सीखना और दूसरा तरीका स्वाध्ययन है अर्थात पुस्तक पढ़ना। पुस्तक हमारा संसार के भंवर चक्र में मार्गदर्शन करती है। समस्त विश्व का ज्ञान पुस्तक में है।
बच्चों को पुस्तक के जरिये ही ज्ञान देना चाहिए। इंटरनेट पर अच्छा और बुरा दोनों तरह का ज्ञान मौजूद है। बच्चा इंटरनेट पर कुछ भी देख सकता है जिससे उसे गलत सीख मिल सकती है। इसलिए बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए किताब पढ़ना सर्वश्रेष्ठ है।
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