Anuched of Gandhi Jayanti in 130 words
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मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है, महात्मा गांधी का जन्म गुजरात राज्य के काठियावाड़ प्रदेश में स्थित पोरबन्दर शहर में 2 अक्टूबर, 1869 ई॰ को हुआ था । उनके पिता राजकोट रियासत के दीवान के । उनकी माता बड़ी सज्जन और धार्मिक विचारों वाली महिला थी । उन्होंने बचपन से ही गांधी को धार्मिक कथायें सुना-सुना कर उन्हें सात्विक प्रवृति बना दिया था । उन्होंने कानून की डिग्री हासिल की। हालांकि, उन्हें जल्द ही पता चला कि यह जीवन में उनका उद्देश्य नहीं था। उन्होंने अपना पेशा छोड़ दिया और स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए। उन्होंने कई भारतीयों को अंग्रेजों से लड़ने के लिए अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। महात्मा गांधी को सबसे महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक के रूप में जाना जाता है। वह एक सच्चे नेता थे। उनकी विचारधारा आज भी लोगों को प्रेरित करती है। महात्मा गांधी को बापू के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है पिता। उनके बच्चे, अर्थात, भारत के नागरिक हर साल 2 अक्टूबर को उनका जन्मदिन पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। उनका जन्मदिन भारत के तीन राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है। यह देश में एक राष्ट्रीय अवकाश है। गांधी जी की अकस्मात हत्या कर दी गई । एक पागल नौजवान ने उन्हें प्रार्थना-सभा में गोलियो से भून दिया । वह गांधी जी के विचारों का घोर विरोधी था । उनकी हत्या 30 जनवरी, 1948 को हुई । गांधी जी बड़ी धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे । वे सच्चाई का स्वयं पालन करते थे और सभी को सच्ची राह पर चलने की सलाह देते थे । वे बड़ा सादा जीवन बिताते थे । उन्होंने अहिंसा के माध्यम से भारत को आजादी दिलाकर दुनिया को चकित कर दिया
|| NIKHRA||
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महात्मा गाँधी जयंती 2 अक्टूबर को भारत भर में एक राष्ट्रिय कार्यक्रम के रूप में मनायी जाती है। इस दिन को दुनिया भर में अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। आजादी के लिए भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गाँधी ने अथक और निस्संदेह योगदान दिया। महात्मा गाँधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। सच्चाई और अहिंसा के माध्यम से उन्होंने अंग्रेजों से भारत की आजादी के लिए रास्ता पक्का किया।महात्मा गाँधी को राष्ट्र के पिता के रूप में बुलाया गया। हम उन्हें बापू भी कहते है। वह ने केवल भारत बल्कि दुनिया के लिए आशा का केंद्र था। महात्मा गाँधी जी ने अंग्रेजों के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बल्कि उनकी प्रतीकात्मक दृष्टि ने दुनिया भर के लोगों को किसी भी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया।गाँधी जी का सबसे प्रेरणादायक उद्धरण "खुद को जानना है तो दूसरों की सेवा में डूब जाओ।" जो उनके महत्वपूर्ण निस्वार्थ योगदान को दर्शाता है। महापुरुष मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में एक हिंदू परिवार (माता-पिता करमचंद गांधी और पुतलीबाई) में हुआ था।गांधीजी सच्चाई और अहिंसक के अग्रदूत थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया। उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत को आजादी दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधी जी दुनिया को यह साबित कर दिखाया की अहिंसा के मार्ग से स्वतंत्रता हासिल की जा सकती हैं।