anuched on bachat ka mahatva
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जीवन में बचत का महत्व उतना ही है जितना की आमदनी का। आपकी आमदनी कितनी ही अधिक हो परंतु यदि आप में बचत की आदत नहीं है तो समय-समय पर आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
तो आज ही बचत को अपनी आदत बनाएं ताकि भविष्य में परेशानी ना हो।भाषण प्रतियोगिता पहले स्थान पर रही शिल्पा सरावगी ने धन की बचत से होने वाले लाभों के बारे में बताया। प्रतियोगिता में सपना ने दूसरा व दिव्या स्वामी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि धन की बचत कर इंसान अपने सुंदर भविष्य का निर्माण कर सकता है व आगामी समय में आने वाली आर्थिक परेशानियों से निपट सकता है। कार्यक्रम में बैंक प्रबंधक रिछपाल सेखू ने बैंक की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया। संस्था प्रधान राणधीरसिंह ढाका ने योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
चूरू.बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक की ओर से गांव बाना में हुई किसान चौपाल में किसानों को बैंक की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। सेवानिवृत्त एसडीआई गोविंदराम के मुख्य आतिथ्य में हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता सरपंच भंवरलाल ने की। कार्यक्रम में बैंक प्रबंधक मेघराज सोनी ने ग्रामीण विकास में बैंक संबंधी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। बजाज एलियाज एलआईसी के वरिष्ठ विक्रय अधिकारी दीपक चेजारा ने सुरक्षित भविष्य के लिए तत्काल बीमा योजना संबंधी जानकारी दी। इस दौरान बालाजी मरुधर किसान क्लब बाना, वीर तेजाजी मरुधर किसान क्लब जैसलसर व राम मरुधर किसान क्लब का गठन किया गया। कार्यक्रम में मदनलाल सोनगरा, भूराराम गोदारा व जयसिंह आदि ने विचार व्यक्त किए।
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‘बात कीजिए और सुंदर और सुरक्षित भविष्य बनाइए।’ यह नारा आज के युग का है यों तो मनुष्य शुरू से ही बचत करता आ रहा है। लेकिन पूर्व काल में की गई बचत से आज की बचत के अर्थ में बहुत बड़ा परिवर्तन आ गया है। भूखा या अधपेट रहकर बचत नहीं करनी है, परंतु फिजूलखर्ची पर अवश्य रोग लगानी है। आजकल तो बिजली और पानी की बचत की ओर समाज का ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। दरअसल बचत एक प्रवृति है जो मनुष्य को संयमित और सुखी जीवन बिताने की ओर संकेत करती है।
बचत करने का आज का अर्थ है। राष्ट्र या देश की सेवा करना। आज अर्थतंत्र का युग है। अर्थ को किसी तिजोरी, गड्ढे आदि में नहीं छिपया जाए ओर न स्वर्ण खरीकर उसे जाम कर दिया। आज अर्थ उत्पादन शकित से जुड़ चुका है। एक व्यक्ति की बचत यदि वह डाकखाने, बैंक, कंपनियों आदि में लगी हुई है तो इसका मतलब है कि आप राष्ट्रीय सेवा के कार्यों में अपना योगदान दे रहे हैं। क्योंकि आपकी जमा-पूंजी से नया विकास हो रहा है ओर नई योजनांए शुरू की जा रही हैं। इस प्रकार आपका धन तो बढ़ेगा ही, साथ में समाज और देश की अर्थव्यवस्था भी सुधरेगी।